चंद्रग्रहण के चलते साढ़े चार बजे के बाद बंद हो गए मंदिरों के कपाट
मंगलवार रात एक बजकर 30 मिनट से ग्रहण प्रारंभ होगा। जो 17 जुलाई को प्रात 4 बजकर 31 मिनट पर सही होगा। करीब तीन घंटे तक ग्रहण रहेगा।
सिरसा, जेएनएन। मंगलवार रात्रि को लगने वाले चंद्रग्रहण के चलते सायं साढ़े चार बजते ही मंदिरों के कपाट बंद हो गए। चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले आरंभ हो जाता है। सूतक लगने के बाद मंदिरों में पूजा अर्चना व शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस समयावधि के दौरान लोगों ने भजन संकीर्तन किया व मंत्रों का जाप किया। मंगलवार रात एक बजकर 30 मिनट से ग्रहण प्रारंभ होगा। जो 17 जुलाई को प्रात: 4 बजकर 31 मिनट पर सही होगा। करीब तीन घंटे तक ग्रहण रहेगा। चंद्रगहण के दौरान गर्भवती महिला को भी बाहर निकलने पर नहीं निकलना चाहिए। वहीं यह गुरु पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण 149 साल बाद गुरु पूर्णिमा पर लगने जा रहा है। इससे पहले 1870 में ऐसा दुर्लभ संयोग बना था।
मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता
मंगलवार को गुरु पूर्णिमा के चलते मदिरों में खासी भीड़ रही। डबवाली रोड स्थित सालासर धाम मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिर में चंद्रग्रहण को लेकर आवश्यक निर्देश लिखे हुए थे। इसके अलावा शहर के दूसरे मंदिरों में भी दिन भर भजन कीर्तन हुआ। नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया। सायं साढ़े चार बजे के बाद शहर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिये गए जो बुधवार प्रात: साढ़े चार बजे के बाद ही खुलेंगे।
149 साल बाद बना दुर्लभ योग
16 जुलाई को चंद्रग्रहण व गुरु पूर्णिमा एक ही दिन थे। ऐसा दुर्लभ योग 149 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 1870 में ऐसा दुर्लभ योग देखने को मिला था। 12 जुलाई 1870 को 149 साल पहले गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था।
कल से शुरू होगा सावन, शुरू होगा महामृत्युंजय यज्ञ
बुधवार से सावन का महीना शुरू होगा। पूरे महीने शिव भक्तों द्वारा भोलेनाथ महादेव की पूजा अर्चना की जाएगी। 30 जुलाई को महाशिवरात्रि का पर्व है। सावन के मौसम में पडऩे वाले चार सोमवार को शिवभक्त व्रत रखते हैं। सावन का अंतिम दिन 15 अगस्त को होगा। उसी दिन रक्षा बंधन पर्व व स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाएगा। सावन में सोमवार का व्रत रखने से जुड़ी बहुत सी मान्यताएं हैं, लोगों का मानना है कि श्रावण सोमवार के व्रत रखने से अच्छा और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। सावन मास के उपलक्ष्य में रोड़ी बाजार स्थित प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर व अग्रसेन कालोनी स्थित हनुमान मंदिर में रूद्राभिषेक व महामृत्युंजय यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।