हरियाणा में लगातार हो रही बारिश से फसलों में कुछ जिलों में फायदा तो कहीं-कहीं हो रहा नुकसान
रबी सीजन में शुरूआत से ही अच्छी बरसात का सिलसिला जारी है। जिसके कारण बरानी क्षेत्र में बिजाई एरिया बढ़ा हैं और धान वाले क्षेत्र में बिजाई एरिया घटा है। क्योंकि बरसात से जलजमाव होने के कारण काफी किसान फसलों की बिजाई भी नहीं कर पाए।
जागरण संवाददाता,झज्जर : एक तरफ जहां बरसात राहत लेकर आई है, वहीं दूसरी तरफ आफत भी बन रही है। बरानी एरिया के किसान तो बरसात से खुश नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिन खेतों में पानी खड़ा हैं, उनके किसान चिंतित हैं। रबी सीजन में शुरूआत से ही अच्छी बरसात का सिलसिला जारी है। जिसके कारण बरानी क्षेत्र में बिजाई एरिया बढ़ा हैं और धान वाले क्षेत्र में बिजाई एरिया घटा है। क्योंकि बरसात से जलजमाव होने के कारण काफी किसान फसलों की बिजाई भी नहीं कर पाए। जिसका अनुमान यहीं से लगा सकते हैं कि पिछले वर्ष के मुकाबले गेहूं का बिजाई एरिया कम हुआ है। वहीं सरसों के बिजाई एरिया में इजाफा हुआ है।
जिले की बात करें तो धान बिजाई वाले खेतों में अधिकतर किसान गेहूं की बिजाई करते हैं। वहीं बरानी एरिया में सरसों की बिजाई होती है। इस दफा रबी सीजन की शुरूआत में बरसात हुई। जिसके चलते बरानी एरिया में किसानों ने जमकर सरसों की बिजाई की। इसलिए पिछले वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक एरिया बिजाई हुई है। पिछली बार जिले के 30 हजार 796 हेक्टेयर में सरसों की बिजाई हुई थी। वहीं इस बार 35 हजार 350 हेक्टेयर में सरसों बोई गई है। जिससे साफ है कि करीब साढ़े चार हजार हेक्टेयर एरिया में अधिक सरसों की बिजाई की गई है। इसके बाद भी मौसम व बरसात सरसों फसल के अनुकूल ही रही है।
इधर, धान बिजाई वाले क्षेत्रों की बात करें तो बरसात ने उन किसानों की चिंता बढ़ाई है। धान की कटाई के बाद खेत सूखने पर ही फसलों की बिजाई हो पाती है। धान बिजाई वाले अधिकतर खेतों में गेहूं की बिजाई होती है। लेकिन रबी सीजन के दौरान अच्छी बरसात होने के कारण कई सैकड़ों एकड़ में जलजमाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है। जिसके कारण काफी किसान अपने खेतों में फसलों की बिजाई नहीं कर पाए। इसके कारण गेहूं का बिजाई एरिया घटा है। पिछली बार एक लाख एक हजार 651 हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई थी और इस बार 96 हजार 617 हेक्टेयर में हुई है। जबकि 1 लाख 7 हजार हेक्टेयर एरिया में बिजाई करने का लक्ष्य रख गया था।