सोमवार से हिसार के रामायण टोल से गुजरने वाले वाहन चालकों को करनी पड़ सकती है जेब ढीली
हिसार में सोमवार से रामायण टोल से गुजरने वाले वाहन चालकों को टोल देना शुरू करना पड़ सकता है। हाई अथॉरिटी के आदेशों का इंतजार है इंजीनियरों द्वारा सारा सिस्टम सही करवा लिया गया है। आंदोलन खत्म हो चुका है तो सभी टोल लगभग शुरू हो चुके हैं।
संवाद सहयोगी, हांसी : पिछले करीब 350 दिनों से बंद पड़े रामायण टोल प्लाजा सोमवार को शुरू हो सकता है। किसानों के आंदोलन के चलते टोल को बंद करना पड़ा था। किसान यूनियन के आह्वान पर प्रदेश के सभी टोल को बंद करने के लिए आह्वान किया गया था। इसके चलते स्थानीय किसान नेताओं ने टोल प्लाजा पर अपना स्थाई मोर्चा बना लिया था। किसानों के आंदोलन के समाप्त होने के बाद से प्रदेश के अधिकांश टोल शुरू कर दिए गए थे। किसानों द्वारा टोल खाली करने के बाद से ही टोल के अधिकारी टोल को शुरू करने की तैयारियों में जुट गए थे।
किसानों की ओर से टोल को खाली करने के बाद टोल के इंजीनियरों द्वारा टोल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान सभी केबल, कंप्यूटर और सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त कर दिया गया है। हालांकि अभी टोल अधिकारियों के पास ऊपर से टोल को शुरू करने के लिए कोई आदेश नहीं आए हैं। परंतु टोल के अधिकारियों का कहना है कि टोल के सोमवार तक शुरू होने की उम्मीद है।
आदेश आने के तुरंत बाद टोल को दोबारा से शुरू कर दिया जाएगा। आंदोलन के खत्म होने के बाद से ही टोल के कर्मचारियों की ओर से तैयारियां करना शुरू कर दिया था। हाईवे पर लगे सभी क्रासिंग पर दोबारा से रंग करने का काम शुरू कर दिया गया था। साथ ही इंजीनियरों द्वारा मेंटेनेंस का काम भी शुरू कर दिया गया था।
रामायण टोल पर हर रोज करीब 15 लाख का टोल शुल्क से आमदनी की जाती थी। टोल के बंद होने के कारण अभी तक रामायण टोल पर करीबन 52 करोड़ का नुकसान हो चुका है। अब टोल कंपनी जल्द से जल्द टोल को शुरू करने का प्रयास कर रही है। ताकि यह नुकसान ज्यादा न हो सके। टोल के शुरू होने से पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि टोल शुरू होते ही टोल कंपनी द्वारा टोल टेक्स में बढ़ोतरी की जाएगी। परंतु इस बारे टोल के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया था कि मार्च के बाद ही टोल टैक्स बढ़ाया जाएगा।
छुट्टी पर भेजे गए कर्मचारी बुलाए गए दोबारा
रामायण टोल पर करीब 75 कर्मचारी काम करते थे। टोल के बंद होने के बाद इन कर्मचारियों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा था। सभी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। आंदोलन के समाप्त होने के बाद दोबारा से टोल के अधिकारियों द्वारा इन कर्मचारियों को वापिस बुलाना शुरू कर दिया था।