अधर में लटका विद्यार्थियों के करियर को मॉडल बनाने का सपना
जागरण संवाददाता हिसार विद्यार्थियों के भविष्य को एक दिशा देने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रा
जागरण संवाददाता, हिसार :
विद्यार्थियों के भविष्य को एक दिशा देने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने देश के कुछ चुनिदा शहरों में मॉडल करियर सेंटर बनाने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत वर्ष 2016 में पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर हिसार को भी चुना गया था। यह सेंटर 50 लाख रुपये की ग्रांट से बनकर तैयार होना था। करियर सेंटर बनने के लिए 25 लाख रुपये की ग्रांट तो आ गई। जिससे रोजगार कार्यालय को रिनोवेट करने का कार्य कराया दिया गया मगर बाकी की 25 लाख रुपये की ग्रांट अभी तक नहीं मिली। चौकाने वाली बात है कि तीन वर्ष से भी अधिक का समय हो गया मगर ग्रांट नहीं आई। ऐसे में मॉडल करियर सेंटर का काम तो चल रहा है मगर गंभीरता नहीं है।
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स्टाफ का समय भी हुआ पूरा
मॉडल करियर सेंटर के लिए युवा प्रोफेशनल को प्रशिक्षण देकर रखा गया था। मगर अब स्टाफ के नाम पर एक दो क्लर्क ही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जो प्रोफेशनल थे उन्हें अनुबंध के आधार पर रखा गया था, अनुबंध समाप्त हुआ तो उनकी भी छुट्टी हो गई। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहां तक कि स्टाफ भी हटा दिया। इस सेंटर के जरिए युवाओं को रोजगार के लिए प्रेरित करने और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर उत्पन्न करना था। अब बिना प्रोफेशनल के किस प्रकार से यहां काम होगा यह राम भरोसे ही है। रोजगार विभाग के पास अपनी ही कई योजनाएं और कार्य है तो ऐसे में वह भी मॉडल करियर सेंटर को कितना समय दे सकेंगे। यह भी देखने वाली बात है। बहरहाल कोई पूछने वाला नहीं है तो अभी गाड़ी घसीटी जा रही है।
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यह है मॉडल करियर सेंटर खोलने का उद्देश्य
मॉडल करियर सेंटर खोलने का उद्देश्य है कि देश भर में चल रहे रोजगार कार्यालय बंद कर इन्हें करियर गाइडेंस सेंटर के रूप में बदला जाए। जहां युवाओं की अपनी कौशल परखने के साथ उसे उन्नत बनाने का मौका मिले। इसमें रोजगार के लिए विद्यार्थियों को सेमिनार दिलाना, करियर आगे बढ़ाने के लिए मार्ग दर्शन करना, कंपनियों और बेरोजगार स्किल युवाओं का तालमेल बैठाने जैसे काम है।