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महिला डॉक्‍टर के केस दर्ज करवाने के बाद अब डॉ. रमेश पूनिया ने भी दर्ज करवाया मामला, कोरोना संक्रमण से जुड़ा है विवाद

डा. पूनिया ने उपसिविल सर्जन को परिवर्तन अस्पताल के डा. करणजीत व उनकी पत्नी पर आरोप लगाते होम आइसोलेशन और कंटेनमेंट जोन का उल्लंघन करने सरकारी कार्य में बाधा डालने और जनता को संक्रमण के खतरे में डालने की शिकायत दी थी। अर्बन एस्टेट थाने में केस दर्ज हुआ है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 01:40 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 01:40 PM (IST)
महिला डॉक्‍टर के केस दर्ज करवाने के बाद अब डॉ. रमेश पूनिया ने भी दर्ज करवाया मामला, कोरोना संक्रमण से जुड़ा है विवाद
डा. पूनिया ने उपसिविल सर्जन को शिकायत दी थी, उन्होंने थाना अर्बन एस्टेट को शिकायत फॉरवर्ड की है।

हिसार, जेएनएन। सिविल अस्पताल के जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया और परिवर्तन अस्पताल के संचालक डा. करणजीत के बीच सितंबर महीने में क्वारंटाइन के हंगामे को लेकर अब दोनों पक्षों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वीरवार को इस इस मामले में डा. रितु खुराना की शिकायत पर डा. रमेश पूनिया पर कमेटी जांच के दौरान उनका अपमान करने का मामला दर्ज किया गया था। वहीं अब सिविल अस्पताल से जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया की शिकायत पर अर्बन एस्टेट थाना में डा. करणजीत और उनकी पत्नी डा. रितु खुराना पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का उल्लंघन करने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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डॉ. पूनिया ने लगाए थे ये आरोप

मामले में डा. रमेश पूनिया ने उपसिविल सर्जन को परिवर्तन अस्पताल के डा. करणजीत व उनकी पत्नी पर आरोप लगाते होम आइसोलेशन और कन्टेनमेंट जोन का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और आम जनता को संक्रमण के खतरे में डालने बारे शिकायत दी थी। यह शिकायत सिविल सर्जन की ओर से पुलिस को फाॅरवर्ड की गई। इसके बाद अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने आरोपितों पर मामला दर्ज किया है। शिकायत में सिविल अस्पताल के मलेरिया विभाग के बायोलॉजिस्ट और होम आइसोलेशन/ क्वारंटाइन के इंचार्ज डा. रमेश पूनिया ने बताया कि डा. रितु खुराना एक सितंबर 2020 को कोरोना पॉजिटिव आई थी।

डॉ. रितु पर अस्पताल स्टाफ को गुमराह करने का आरोप

डा. रितु के काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के समय उसने आशीष कुमार एमपीएचडब्ल्यू को कहा कि उसके पति डा. करणजीत और ससुर जसपाल परिवर्तन अस्पताल में ही रहते हैं और उसके साथ उसकी सास, बेटी, नौकर और नौकरानी रहते है। उनके घर के बाहर आशीष कुमार द्वारा होम क्वारंटाइन का पोस्टर चिपकाया जाता है उसमें सिर्फ चार लोगों को ही क्वारंटाइन किया जाता है। आरोप है कि डा. रितु ने परिवर्तन अस्पताल को समानांतर चलाने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों को गुमराह किया। डा. रितु की सास उनकी बेटी और नौकर-नौकरानी की सैंपलिंग उनके घर में की गई। डा. करणजीत और उनके पिता जसपाल हाई रिस्क कान्टैक्ट में थे, इसके बावजूद वो सैंपलिंग देने में शुरू से ही टाल-मटोल करते रहे।

स्वास्थ्य विभाग को गुमराह करने को पिता का नाम गलत लिखवाया

आरोप है कि डा. करणजीत ने स्वास्थ्य विभाग को गुमराह करने के लिए अपने पिता का नाम गलत लिखवाया और पते में सिर्फ सेक्टर-14 लिखवाया व मोबाईल नंबर और पिता का मोबाइल नंबर भी गलत लिखवाया। जब एमपीएचडब्ल्यू आशीष ने उनसे फोन पर संपर्क किया तो बताया कि उन्होंने सैंपल ही नहीं दिया। इसके बाद भी वहां तैनात पुलिस कर्मियों और ड्यूटी मजिस्ट्रेट से बदतमीजी की गई। आरोप है कि डा. करणजीत कंटेनमेंट जोन का उल्लंघन करते हुए जिम भी जाते रहे और अस्पताल के बाहर लगा क्वारंटाइन का पोस्टर भी फाड़ दिया।

17 स्टाफ सदस्यों में से 7 के ही हुए सैंपल

डा. पूनिया ने शिकायत में बताया कि डा. करणजीत के रिसेप्शनिस्ट स्टाफ ने उन्हें 17 स्टाफ सदस्यों की लिस्ट दी थी लेकिन उनमें से 7 ही स्टाफ के सैंपल करवाए गए, बाकि 10 स्टाफ सदस्यों के सैंपल आज भी लंबित है। डा. पूनिया ने मांग की है कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने और संक्रमण के खतरे में डालने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, स्वास्थ्य विभाग को गुमराह करने और तथ्य छुपाने के अपराध में उनके खिलाफ धारा आईपीसी 186, 188, 336, 353 और 259 के तहत उन पर कारवाई की जाए। मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया को डाक्टर की डिग्री रदद करने कि सिफारिश की जाए।

जांच कमेटी ने माना था डा. करणजीत को दोषी

मामले में डा. रमेश पूनिया की मांग पर जांच के संबंध में सिविल सर्जन के आदेश पर एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में डा. जया गोयल, उपसिविल सर्जन (आईडीएसपी), डा. सुभाष खटरेजा, नोडल अधिकारी कोविड एंव डा. उमा अग्रवाल नोडल अधिकारी बार रूम शामिल थे। 15 दिसंबर को सिविल अस्पताल में डा. करणजीत व उसकी पत्नी डा. रितु खुराना की उपस्थिति में जब उक्त कमेटी उपरोक्त विषय की जांच कर रही थी तो जांच कमेटी ने जांच के बाद डा. कर्णजीत व डा. रितु खुराना को कोविड-19 के नियमों की उल्लंघना करने व जांच टीम के सभी अधिकारियों एंव कर्मचारियों के सामने डा. रमेश पुनिया को धमकी देने व अपशब्द कहना का दोषी पाया था। जांच कमेटी ने भी डा. रितु व डा. करणजीत के खिलाफ कारवाई के लिए सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन हिसार को सौंप दी थी। शिकायत पर अर्बन एस्टेट थाना में मामला दर्ज किया गया है।

डा. पूनिया का आरोप

मामले में डा. रमेश पूनिया का आरोप है मामला दर्ज कर लीपापोती की गई। कमेटी की ओर से जो शिकायत देकर कारवाई की मांग की गई थी। उस शिकायत में डा. करणजीत ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। लेकिन कमेटी की इस शिकायत पर केस दर्ज ना करके सिर्फ कमेटी जांच से पहले की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। कमेटी की ओर से डा. करण उनके पिता जसपाल व डा. रितु के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। लेकिन मामले में डा. करण व डा. रितु पर ही मामला दर्ज हुआ है। जबकि इस मामले में 17 दिसंबर को सिविल सर्जन की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई थी, इसके बाद 27 जनवरी को रिमांइडर भेजा गया था। लेकिन उचित कारवाई नहीं करते हुए डा. रितु की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सिविल सर्जन की शिकायत पर उनके नाम से मामला दर्ज किया गया है। 


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