Move to Jagran APP

मुंह के कैंसर के बाद चली गई आवाज, फिर महामृत्‍युंजय मंत्र व Music therapy से हुआ चमत्‍कार

तलाक के बाद पूर्व पायलट ने शराब व धूम्रपान की लत लगा ली। आत्‍महत्‍या करने की सोचते थे फिर कैंसर हुआ व आवाज भी चली गई। मगर बूढ़ी मां के लिए जीने की ठानी। अब दूसरों का इलाज करते हैं।

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 05:15 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 01:35 PM (IST)
मुंह के कैंसर के बाद चली गई आवाज, फिर महामृत्‍युंजय मंत्र व Music therapy से हुआ चमत्‍कार
मुंह के कैंसर के बाद चली गई आवाज, फिर महामृत्‍युंजय मंत्र व Music therapy से हुआ चमत्‍कार

रोहतक [केएस मोबिन] संगीत और वेद मंत्रों में गजब की शक्ति होती है, ऐसा साबित भी हो चुका और कई उदाहरण भी हमारे सामने आ चुके हैं। मगर रोहतक में संगीत और महामृत्‍युंजय मंत्र ने एक शख्‍स की जिंदगी ही बदल दी। मुंह के कैंसर के बाद आवाज खो चुके एक पायलट की आवाज संगीत और मंत्र से लौट आई। बात सुनने में भले ही अजीब लगे मगर सौ फीसदी सच है।

loksabha election banner

रोहतक के सेक्टर-2 निवासी राजीव पायलट कभी मरना चाहते थे। वहीं, आज जिंदादिली से जिंदगी जी रहे हैं। डॉक्‍टर्स ने भी मुंह के कैंसर से आवाज चले जाने और कभी बोल न सकने की बात कही। मगर पायलट की दृढ़ इच्छाशक्ति व म्यूजिक थेरेपी से ऐसा चमत्‍कार हुआ कि अब चर्चा का विषय बन गया है। इतना ही नहीं अब वो अपनी जिंदगी की संजीवनी (म्यूजिक थेरेपी) से दूसरों की भी मदद कर रहे हैं।

म्यूजिक थेरेपिस्ट राजीव ने बताया कि पारिवारिक कलह से साल 2005 में तलाक हो गया। दो बच्चों समेत पत्नी छोड़कर चली गई। उधर, पार्टनरशिप में बनाई फैक्ट्री में आग से इतना नुकसान हुआ कि उबर ही नहीं पाया। छोटे भाई की बीमारी के कारण मौत हो गई। सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। एक वक्त ऐसा आया कि खुद को मारना चाहता था। सिविल एविएशन का शानदार करियर इन सभी घटनाओं से डगमगा गया। खुद को मारने के तरीके खोजने लगा।

मैं मीलों ऊंचाई पर प्लेन उड़ा हवा में बाते करता था, लेकिन पत्नी व बच्चों के विरह ने तोड़ दिया। फांसी पर लटककर या ट्रेन से कटकर मरने की हिम्मत नहीं हुई। डिप्रेशन का शिकार हो गया। पूरी-पूरी रात जगकर बिताने लगा। खुद को शराबनोशी में डुबा लिया। गुटखा, पान मसाला, तंबाकू व धूम्रपान की लत लगा ली। यह लत मुंह के कैंसर तक ले आई। साल 2011 में पहली बार पहली स्टेज के कैंसर का पता चला।

उन्‍होंने बताया मेरी बीमारी पर मां-बांप गमगीन थे। हालांकि, मैं बहुत खुश था। इतना खुश कि करीब छह साल बाद पहला दिन ऐसा रहा कि शराब व धूम्रपान नहीं किया। इस बीच मेरी फिक्र में मां तृष्णा बीमार रहने लगी। अल्जाइमर से ग्रस्त हो गई। जब मां की बीमारी का पता चला तो गहरा आघात लगा। अंदर से महसूस हुआ कि मेरे बाद बूढ़े माता-पिता का क्या होगा। छोटे बेटे की अर्थी को पिता पहले ही कंधा दे चुके थे। मेरे चले जाने के बाद इनका क्या हश्र होगा। मैं सहम गया। एक बार फिर मां-बाप के लिए जीना चाहता था।

म्यूजिक थेरेपिस्ट बोले- तू जिएगा भी और बोलेगा भी
उन्‍होंने बताया दिसंबर 2012 तक कैंसर चौथी स्टेज में पहुंच गया था। जनवरी 2013 में मुंह के कैंसर के लिए ऑपरेशन हुआ। जिसमें आधी जीभ काट दी गई। आवाज चली गई। पूरा शरीर काला पड़ गया। डॉक्टरों ने बताया कि कभी बोल नहीं पाएगा। मैं निराश था। इंटरनेट पर इलाज के लिए समाधान ढूंढने लगा। बेंगलुरु के म्यूजिक थेरेपिस्ट डॉ. टीवी साइराम के बारे में पता चला। मां के साथ उनसे मिलने गया, डॉ. ने मेरे बारे में मां से जानकारी ली व कहा तू जिएगा भी और बोलेगा भी।

सात माह बाद लौटी आवाज
डॉक्टर की सलाह पर रोजाना गाने का अभ्यास करने लगा। हालांकि, मुंह से आवाज नहीं निकलती थी। कई बार बेचैन हो जाता था। सोचता था कि डॉक्टर ने मजाक किया है। एक दिन मां ने बताया कि महामृत्युंजय मंत्र (ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्) का जाप करने की कोशिश किया करो। पहले तो मैंने टाल दिया, लेकिन एक दोस्त ने मंत्र के वैज्ञानिक फायदे बताए। महामृत्युंजय मंत्र जपने पर जीभ 360 डिग्री घूमती है। करीब सात माह बाद मेरी आवाज वापस आई। शुरू में अटक कर बोल पाता था। नियमित अभ्यास से आवाज साफ हो गई है।

डिप्रेशन के मरीजों का कर रहे इलाज
राजीव पायलेट सेक्टर-2 स्थित अपने निवास पर ही डिप्रेशन के शिकार लोगों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि म्यूजिक थेरेपी इतनी कारगर है कि कोमा में गए मरीजों को भी फायदा पहुंचाती है। फिलहाल डिप्रेशन व अनिद्रा से ग्रस्त लोग सलाह के लिए आ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.