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डीएलसीसी देगी एक एकड़ तक सीएलयू और 10 करोड़ के प्रोजेक्ट की मंजूरी

जागरण संवाददाता, हिसार : उपायुक्त अशोक कुमार मीणा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को उद्यम प्रोत्साहन न

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 09:00 AM (IST)
डीएलसीसी देगी एक एकड़ तक सीएलयू और 10 करोड़ के प्रोजेक्ट की मंजूरी
डीएलसीसी देगी एक एकड़ तक सीएलयू और 10 करोड़ के प्रोजेक्ट की मंजूरी

जागरण संवाददाता, हिसार : उपायुक्त अशोक कुमार मीणा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015 के प्रावधान के तहत गठित जिला स्तरीय कलीयरेंस एवं ग्रीवांस कमेटी (डीएलसीसी) की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पोर्टल के माध्यम से प्राप्त लंबित अधिकतर आवेदनों का मौके पर ही निपटान किया गया। इस अवसर पर कमेटी के सभी सदस्य व संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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उपायुक्त ने कहा कि उद्यम प्रोत्साहन नीति के तहत हरियाणा में निवेश को आकर्षित करने एवं उद्यमियों को सभी संबंधित विभागों की कलीयरेंस/सेवाएं तय समय सीमा में एक ही छत के नीचे ऑनलाइन माध्यम से प्रदान करने के उद्देश्य के लिए हरियाणा इंटरप्राइज प्रोमोशन सेंटर (एचईपीसी) का गठन किया गया है। इसका कार्यालय सेक्टर 2, पंचकूला में स्थित है। उन्होंने बताया कि पॉलिसी के तहत आवेदक को एक एकड़ तक सीएलयू और 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए सभी प्रकार की कलींयरेंस जिला स्तर पर गठित कमेटी (डीएलसीसी) के माध्यम से प्रदान की जाती है और एक एकड़ से अधिक के सीएलयू एवं 10 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट के लिए सभी प्रकार की कलीयरेसींज स्टेट लेवल पर गठित कमेटी इंपावरड एग्जिक्यूटिव कमेटी के माध्यम से प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रावधान के तहत सभी प्रकार की कलीयरेसींज 45 दिन में प्रदान करना अनिवार्य होता है। यदि निर्धारित अवधि में कोई सेवा प्रदान नही की जाती तो आवेदक को पोर्टल से ऑटो डीम्ड कलीयरेंस प्रदान करने का प्रावधान है।

बैठक में जिला स्तरीय कमेटी में पोर्टल के माध्यम से प्राप्त 81 आवेदनों पर चल रहे प्रगति कार्यों की समीक्षा की गई। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों में 28 डीएचवीपीएन, 1 श्रम विभाग, 8 जिला नगर योजनाकार, 10-प्रदूषण विभाग, 20 शहरी निकाय विभाग, 14 इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से 30 दिन से ज्यादा अवधि से लम्बित चल रहे थे। इस संबंध में संबंधित विभाग के साथ आवेदनों की समीक्षा की गई और अधिकतर आवेदनों का मौके पर ही निपटान कर दिया गया। बाकी लंबित आवेदनों के निपटान के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।


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