हिसार, कुलदीप जांगड़ा। हिसार के गुरु गंभेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से दूरस्थ यानी डिस्टेंश से डिग्री पाने वाले विद्यार्थी आनलाइन की अपेक्षा आफलाइन में आवेदन कर अधिक रूझान दिखा रहे है। आफलाइन की अपेक्षा आनलाइन में एडमिशन, परीक्षा, एसाइनमेंट व फीस जमा कराने की प्रक्रिया बिलकुल आसान है। इसमें विद्यार्की को एडमिशन, परीक्षा, एसाइनमेंट व फीस जमा आदि आनलाइन ही करना पड़ता है, जबकि आफलाइन में परीक्षा एसाइनमेंट जमा कराने खुद विश्वविद्यालय आना पड़ता है। अब तक दूरस्थ से आफलाइन डिग्री पाने वाले 4197 छात्र व आनलाइन के लिए 105 विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं।
आनलाइन के अपेक्षा छात्र आफलाइन में आवेदन का दिखा रहे अधिक रूझान
आफलाइन में अधिक रूझान आवेदन करने का कारण है कि आफलाइन में अधिक कोर्स है, जबकि आनलाइन में केवल दो कोर्स है। यह सभी दूरस्थ से डिग्री पाने वाले छात्र है। अब जीजेयू ने दूरस्थ से डिग्री लेने वालों के लिए आवेदन करने की तिथि भी बढ़ा दी है। उम्मीद है कि दूरस्थ के लिए और अधिक आवेदन आने वाले है। आवेदन का अंतिम समय 15 दिसंबर रखा है। हालांकि, पिछले तीन सालों से आफलाइन व आनलाइन के आवेदन की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका कारण है कि यह कोर्स एआइसीटी से मान्यता प्राप्त है। कुछ लोग आफलाइन व आनलाइन से रेगूलर डिग्री करना चाहते है, जोकि सही है। आनलाइन में एमबीए में अधिक एडमिशन होते है और कुछ लोग रेगूलर या दोबारा से डिग्री पाने के लिए बीकाम के लिए आवेदन करते है। नौकरी व बाहर रहने वाले छात्र आनलाइन में आवेदन कर रहे है। वहीं अब गुजवि आनलाइन में एमए हिंदी जैसे अन्य कोर्स भी अगले सत्र से शुरू करने की तैयारी में है।
छात्रों का बनाया व्हाट्सअप ग्रुप
दूरस्थ डिग्री करने वाले छात्रों का गुजवि ने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया हुआ है। इसके माध्यम से गुजवि प्रबंधन आनलाइन में भी सप्ताह में एक दिन आनलाइन एप से जुड़कर संवाद करता है। इसी बीच बच्चे को कोई दिक्कत आती है तो वह बैठक में विचार-विमर्श कर सकता है। इसमें गुजवि के कुलपति, कुलसचिव व अन्य अधिकारियों व विभागों की जानकारी देते है। बच्चे को पता चले कि गुजवि में क्या चल रहा है और कौन किसका जिम्मेदार है।
आनलाइन में हमारी ओर से नए कोर्स शुरू करने की योजना है। दूरस्थ से सभी कोर्स की डिग्री एआइसीटी से मान्यता प्राप्त है। आफलाइन में अधिक आवेदन आ सकते है।
ओपी सांगवान, निदेशक, दूरस्थ शिक्षा, गुजवि।