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वैवाहिक कार्यक्रमों की रहेगी धूम, देवउठनी एकादशी आज, शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानें शुभ मुहूर्त

दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीहरि चार माह की याेगनिद्रा के बाद सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। हिन्दू धर्म में एकादशी का अधिक महत्व हाेता है। देवउठनी एकादशी विष्णु भगवान को समर्पित हाेती हैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 05:07 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 05:07 PM (IST)
वैवाहिक कार्यक्रमों की रहेगी धूम, देवउठनी एकादशी आज, शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानें शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह का शुभ मुहर्त शाम 5 से 7:25 तक हैं। सांकेतिक फोटो

रोहतक, जागरण संवाददाता। कहते हैं जब शुभ दिन आता है तब अपने आप शगुन दिखने लग जाते हैं। ऐसे ही शुभ दिनों में एक दिन है देवउठनी एकादशी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान या देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। पंडितों के अनुमान को मानें तो देवउठनी एकादशी पर इस बार रोहतक में करीब 250 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। इसके लिए तमाम लोग तैयारियों में लगे हुए हैं। देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। वहीं, वैवाहिक कार्यक्रमों की भी धूम रहेगी। वैवाहिक कार्यक्रमों को लेकर अनेक लोगों ने पहले से ही तैयारियां कर ली थी और बेसब्री से देवउठनी एकादशी का इंतजार कर रहे थे। देवउठनी एकादशी पर विवाह शादियों को लेकर होटल व बैंक्वेट हाल आदि अभी से बुक हो चुके हैं।

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दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीहरि चार माह की याेगनिद्रा के बाद सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। हिन्दू धर्म में एकादशी का अधिक महत्व हाेता है। देवउठनी एकादशी विष्णु भगवान को समर्पित हाेती हैं। इस दिन विष्णु भगवान की विधि विधान से पूजा की जाती है। हरियाणा की बात करें ताे इस दिन घी के दीपक, मौसमी फल व हरियाणवी गीत उठो देव, जागाे देव के साथ भगवान हरि काे जगाया जाता हैं। इसके साथ तुलसी व शालिग्राम विवाह का भी प्रचलन है। इस दिन तुलसी व शालिग्राम का विवाह करवाया जाता है। जिसके बाद सभी विवाह व मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इसलिए देवउठनी एकादशी को अनबुझ साया भी कहा जाता हैं। इस बार एकादशी रविवार 14 नवंबर को हैं व तुलसी विवाह 15 नवंबर को हैं। पंडित मनोज ने बताया कि पूजा का शुभ मुहर्त 5:29 से 7:10 तक हैं व तुलसी विवाह का शुभ मुहर्त शाम 5 से 7:25 तक हैं।

एकादशी तिथि आरंभ समय:

14 नवंबर सुबह 05:48 बजे

एकादशी तिथि समापन समय:

15 नवंबर सुबह 06:39 बजे।

शादी के लिए शुभ मुहर्त :

नवंबर : 14,16,20,21,28,29,30

दिसंबर : 1,2,7,8,9,11,12

जनवरी : 20,22,23,27,29

देवउठनी एकादशी शुभ दिन है। ऐसे में रोहतक में विवाह शादियों कोे लेकर सभी होटल व बैंक्वेट हाल आदि की बुकिंग फुल है। रोहतक में करीब 150 होटल व बैंक्वेट हाल हैं।

- अशोक भांबरी, प्रधान होटल एंड बैंक्वेट हाल एसोसिएशन, रोहतक ।

केवल देवउठनी एकादशी पर ही नहीं बल्कि पूरे महीने की विवाह शादियों का दौर चलेगा। इसके लिए ज्यादातर लोगों की ओर से शादियों के लिए होटल व बैंक्वेट हाल बुक कराए गए हैंं।

- रितेश दलाल, उप प्रधान होटल एवं बैंक्वेट हाल एसोसिएशन, रोहतक ।


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