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जब देवीलाल को पांच बार, भजनलाल और बंसीलाल एक-एक बार करना पड़ा हार का सामना

राजनीति के धुरंधर और खांटी जमीनी नेता माने जाने वाले हरियाणा के तीन लाल- देवीलाल बंसीलाल और भजनलाल ने प्रदेश से लेकर केंद्र तक की सियासत में अहम भूमिका निभाई है। मगर वो भी हारे।

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 07:12 PM (IST)
जब देवीलाल को पांच बार, भजनलाल और बंसीलाल एक-एक बार करना पड़ा हार का सामना
जब देवीलाल को पांच बार, भजनलाल और बंसीलाल एक-एक बार करना पड़ा हार का सामना

हिसार [गौरव त्रिपाठी] राजनीति के धुरंधर और खांटी जमीनी नेता माने जाने वाले हरियाणा के तीन लाल- देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल। इन तीनों नेताओं ने प्रदेश से लेकर केंद्र तक की सियासत में अहम भूमिका निभाई है। चौधरी देवीलाल ने 1989 में केंद्र में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई और उप प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। चौधरी बंसीलाल इंदिरा गांधी के राज में रक्षा मंत्री रहे थे। राजनीति के पीएचडी तीसरे लाल भजनलाल तीन बार लोकसभा पहुंचे और राजीव गांधी की सरकार में कृषि एवं पर्यावरण मंत्री बने थे। इस सबके बावजूद जन-जन के नेता कहे जाने वाले इन सियासत के माहिर खिलाडिय़ों को भी लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।

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सबसे पहले बात करते हैं पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की। तीनों नेताओं में सबसे ज्यादा बार लोकसभा चुनाव चौधरी देवीलाल ही हारे हैं। वर्ष 1980 में सातवें आम चुनाव में सोनीपत लोकसभा सीट से सांसद चुने गए चौधरी देवीलाल इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में इसी सीट पर कांग्रेस के धर्मपाल सिंह मलिक से 2941 हार गए। इसके बाद 1989 में हुए नौवें लोकसभा चुनाव में देवीलाल तीन सीटों पर जनता दल के उम्मीदवार के तौर पर उतरे। हरियाणा की रोहतक, राजस्थान की सीकर पर उन्होंने विजय पताका फहराई तो पंजाब की फिरोजपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

फिरोजपुर सीट पर वे 123064 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर खिसक गए थे। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ध्यानी सिंह ने जीत हासिल की और उन्हें 202132 वोट मिले थे। चौधरी देवीलाल 79068 वोटों से हारे थे। हालांकि वे रोहतक और सीकर दोनों जगह से जीत गए थे। उस समय देवीलाल ने रोहतक सीट से इस्तीफा देकर लोकसभा में सीकर का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद लगातार तीन लोकसभा चुनावों (1991, 1996 और 1998) में चौधरी देवीलाल को रोहतक सीट पर कांग्रेस केn भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हराया।

तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे बंसीलाल को इमरजेंसी हटने के बाद 1977 में हुए छठे लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। भिवानी संसदीय क्षेत्र से भारतीय लोकदल की प्रत्याशी चंद्रावती ने उन्हें 1,61,245 मतों के भारी अंतर से हराया था। बंसीलाल को 29.91 फीसद वोट मिले थे। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश में गैर जाटों के राजनेता भजनलाल को 1999 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के टिकट पर करनाल सीट पर चुनाव में उतरे भजनलाल को भाजपा के आइडी स्वामी ने 147854 वोटों से पराजित किया था। भजनलाल को 285879 वोट मिले थे।


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