कोरोना लहर के बीच सिरसा में सिर चढ़कर बोला युवा जोश, 131 ने किया रक्तदान
देश के बड़े शहरों में जहां संस्थाएं लंगर लगाकर आक्सीजन बांट रही है तो वहीं डबवाली की सामाजिक संस्था अपने ने रेडक्रॉस सोसायटी के शॉर्ट नोटिस पर रविवार को उपमंडल नागरिक अस्पताल में रक्तदान शिविर लगाया। शिविर में 131 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ।
सिरसा/डबवाली, जेएनएन। कोरोना को हराने के लिए सामाजिक संस्थाओं ने सरकार के साथ कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। देश के बड़े शहरों में जहां संस्थाएं लंगर लगाकर आक्सीजन बांट रही है तो वहीं डबवाली की सामाजिक संस्था अपने ने रेडक्रॉस सोसायटी के शॉर्ट नोटिस पर रविवार को उपमंडल नागरिक अस्पताल में रक्तदान शिविर लगाया। शिविर में 131 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल तथा कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी शर्मा ने दावा किया कि देश भर में पहला मौका है जब कोरोना महामारी के बीच किसी सामाजिक संस्था ने इस तरह से शिविर लगाया है।
खास बात यह कि लॉकडाउन है, वहीं कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से गुरेज करते हैं। विषय परिस्थितियों के बीच संस्था ने स्लोगन दिया पहले ब्लड डोनेशन, फिर वैक्सीनेशन। जिसका खासा असर देखने को मिला, जागरूकता के बाद उपरोक्त ने रक्तदान किया। बता दें, संस्था अपने ने पिछले वर्ष कोरोना की प्रथम लहर के दौरान भी रक्तदान शिविर आयोजित करके अपना फर्ज निभाया था।
संस्था की ब्लड यूनिट प्रभारी हरीश सेठी तथा सह प्रभारी आशु सिंगला ने बताया कि रेडक्रॉस सोसायटी के कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी शर्मा ने जिला ब्लड बैंक में रक्त की कमी बताते हुए ब्लड कैंप की मांग की थी। शॉर्ट नोटिस पर संस्था ने संज्ञान लिया। सवाल था कि कोरोना के बीच ब्लड डोनर को कैसे लाया जाए। सरकार की गाइडलाइंस का सहारा लिया गया। नियमानुसार वैक्सीनेशन के बाद एक माह या इससे अधिक समय तक रक्त नहीं दे सकते हैं। रविवार को वैक्सीनेशन ड्राइव शुरु होनी थी। उसी के मद्देनजर टैग लाइन दी पहले ब्लड डोनेशन, फिर वैक्सीनेशन। जिसका प्रभाव देखने को मिला। ब्लड डोनेशन के लिए चार बैड लगाए गए थे। इससे पहले डोनर का तापमान चैक किया जाता, उसके हाथ सैनिटाइज करवाए गए।
मैं वैक्सीनेशन की तैयारियों में जुटा हुआ था। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने बैठी एक महिला रो रही थी। मैंने कारण पूछा तो उसने बताया कि मेरी बहू को कैंसर है। कीमो थैरेपी होनी है। उसके लिए ब्लड चाहिए। उसने बी पॉजिटिव ग्रुप की मांग की। दुर्भाग्य से डबवाली में बने ब्लड बैंक में रक्त उपलब्ध नहीं था। जिला ब्लड बैंक में महज तीन यूनिट थे। दो रिजर्व थे, जिसके बाद एक यूनिट था। संस्था अपने की मदद से जिला ब्लड बैंक में पड़ा एकमात्र यूनिट डबवाली में पहुंचा। संस्था ने 131 यूनिट रक्त देकर ब्लड बैंक की मांग पूरी की है।
-डॉ. राहुल गर्ग, उपमंडल नागरिक अस्पताल, डबवाली