भिवानी में कैसे दौड़ेगी स्टूडेंट्स एक्सप्रेस, अभी तक नहीं मिली मलकियत
बवानीखेड़ा के स्कूल को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा दिया है। आठ कमरों को यह रेलगाड़ी के आठ डिब्बों के रूप में विकसित किया गया है। मगर स्कूल नगरपालिका की जमीन पर चल रहा है। मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा मिलने के लिए स्कूल के नाम जमीन होना जरूरी है।
बवानीखेड़ा/भिवानी [राजेश कादियान] मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा मिलने की खुशी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बवानीखेड़ा को स्टूडेंट्स एक्सप्रेस के मॉडल के रूप में तैयार किया गया है। इसे देख कर सहज ही अहसास होता है कि रेलगाड़ी में बनी है। स्कूल के आठ कमरों को यह रेलगाड़ी के आठ डिब्बों के रूप में विकसित किया गया है। स्कूल अध्यापकों को अब एक चिंता और सता रही है कि यह स्कूल नगरपालिका की जमीन पर चल रहा है। मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा मिलने के लिए स्कूल के नाम जमीन होना जरूरी है। नया सत्र आने को है और जमीन स्कूल के नाम अब तक नहीं हुई है। ऐसे में यह स्टूडेंट्स एक्सप्रेस कैसे शिक्षा की पटरी पर दौड़ पाएगी।
नए सत्र से आरंभ होना है माडल संस्कृति स्कूल
स्कूल अध्यापकों का कहना है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बवानीखेड़ा नए सत्र से मॉडल संस्कृति स्कूल के रूप में बनाया गया है। इस स्कूल में फिलहाल कक्षा 6 से 12वीं तक 615 विद्यार्थी हैं। हमने स्कूल की जमीन को स्कूल के नाम कराने के लिए कई बार अधिकारियों को लिखा है। अब तक इस मामले में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है। जल्द ही जमीन स्कूल के नाम नहीं हुई तो नए सत्र से मॉडल संस्कृति स्कूल के रूप में कैसे कक्षाएं शुरू हो पाएंगी समझ नहीं आ रहा। अधिकारियों से आग्रह है कि इस मामले में संज्ञान लें।
संतोष भाकर, प्रधानचाचार्य
---स्थानीय शहरी निकाय के मुख्यालय से जब हमारे पास पत्र आएगा तो ही हम इस बारे में अगला कदम बढ़ा सकते हैं। इसके बिना यह संभव नहीं है। अभी तक उनके पास किसी प्रकार का कोई पत्र नहीं आया है।
---कांता किरण ओड, चेयरपर्सन, नगरपालिका बवानीखेड़ा