सीएम मनोहर के छूट देने के बावजूद हरियाणा में नहीं बेच सकेंगे पटाखे, व्यापारी बोले- बर्बाद हो जाएंगे
सीएम मनोहर लाल ने पटाखों की दो घंटे की बिक्री व चलाने के आदेश दिए थे मगर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक नया आदेश दे दिया। जिसका पालन करते हुए प्रदेश में पटाखों की बिक्री व चलाने पर पूरी तरह से प्रशासन ने बैन लगा दिया है।
हिसार, जेएनएन। पटाखों की बिक्री को लेकर पहले सीएम मनोहर लाल की सरकार ने दो घंटे की बिक्री व चलाने के आदेश दिए थे, मगर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को एक नया आदेश दे दिया। जिसका पालन करते हुए हिसार समेत सभी जिलों में पटाखों की बिक्री व चलाने पर पूरी तरह से प्रशासन ने बैन लगा दिया है। अब एकाएक पटाखा ट्रेडर्स को जैसे ही इस बात की जानकारी हुए वह सरकार व प्रशासन के विरोध में उतर आए। मंगलवार को लघु सचिवालय में अस्थाई पटाखा बिक्री की दुकानों के लिए जब ट्रेडर्स लाइसेंस लेने पहुंचे तो उन्हें मना कर दिया है। ऐसे में तब से पटाखा बिक्रेताओं में खासा रोष नजर आ रहा है। पटाखा बिक्रेताओं का कहना है कि उनमें से कई लोगों ने सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया है तो कईयों ने ब्याज पर लाखों रुपये लेकर पटाखे का आर्डर दे दिया है। ऐसे में अब वह न तो पटाखा स्टोर कर सकेंगे और न ही उसे बेच सकेंगे, ऐसे में उन्हें कोरोना के समय में दोहरी मार पड़ी है। अगर पटाखे बैन ही करने थे तो पहले बता दिया होता वह आर्डर ही नहीं लगाते।
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नियमों के आगे प्रशासन लाचार
एनजीटी के आदेश आने के बाद उन्हें पालन कराने की जिम्मेदारी डीसी व एसपी को दी गई है। ऐसे में अब प्रशासन लाचार दिख रहा है। उन्होंने अस्थाई लाइसेंस बनाने के लिए लोगों से 31-31 हजार रुपये लिए थे वह भी वापस करने की तैयारी चल रही है। बहरहाल प्रशासन ने तय कर लिया है कि वह पटाखे न तो बिक्री करने देंगे न ही चलाने देंगे। ऐसे में एक बात तो तय है कि पटाखा ट्रेडर्स को भारी नुकसान होगा। हालांकि यह बात भी समझनी जरूरी है कि इस स्तर का प्रदूषण आम लोगों के लिए भी बहुत खतरनाक है। अगर पटाखे भी चले तो कोरोना संक्रमितों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो जाएगी। जिसे संभाल पाना किसी के बस की बात नहीं होगी। मौजूदा समय में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात चल रहे हैं।
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पिछले साल नवंबर में 274 था औसत एक्यूआई
एनजीटी के आदेश के अनुसार पटाखे उन स्थानों पर बैन किए गए हैं जहां पिछले वर्ष नवंबर में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब, बहुत खराब या गंभीर था। जबकि मोडरेट होने पर लोग ग्रीन पटाखे चला सकते हैं। 2019 के नवंबर माह में हिसार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 274 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर था। जो वायु की खराब स्थिति को दर्शाता है। इसी कारण से पटाखों को बैन किया गया है। वहीं मंगलवार को हिसार में एक्यूआई 446 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था।
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एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का मानक
0-50- अच्छा
51-100- संतोषजनक
101-200- सामान्य
201- 300- खराब ,
301- 400- बहुत खराब
401- 500- गंभीर
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4 नवंबर तक मौसम परिवर्तशील
मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम रहकर 29.6 डिग्री सेल्सियस रहा तो न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम होकर 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चौधरी चरण ङ्क्षसह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में 14 नवंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व खुश्क रहने की संभावना है। रात्रि तापमान कम व पूर्वी हवा चलने की सम्भावना के कारण सुबह के समय हल्की धुंध या स्मॉग जैसा मौसम तथा बीच बीच मे हल्के बादल रहने की संभावना है।
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2019 के नवंबर माह में इन दिनों में था गंभीर एक्यूआई
1 नंवबर- 480
2 नंवबर- 500
3 नवंबर- 427
12 नवंबर- 494
13 नवंबर- 454
14 नंवबर- 416
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पटाखों को लेकर कई आदेश आ गए इस कारण से असमंजस की स्थिति पैदा हुई। मगर अब स्थिति साफ है। एनजीटी के आदेशानुसार पटाखों की बिक्री व चलाना दोनों पर पूर्णत: बैन रहेगा। अवैध पटाखों की बिक्री न हो इसके लिए चैकिंग भी होगी। इसके लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जिन्होंने अस्थाई लाइसेंस के लिए फीस भरी है उन्हें फीस वापस कर दी जाएगी।
--------डा. प्रियंका सोनी, उपायुक्त
हरियाणा के 11 जिलों में 400 के पास एक्यूआई, सांस लेने में आ रही दिक्कतें
हिसार। प्रदेश में वायु प्रदूषण ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हवाओं में फैले पीएम 2.5 और पीएम 10 जितने कणों ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। घर से बाहर निकलने पर लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती दिख रही है। खासकर सुबह व देर सायं के वक्त सांस फूलने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण से लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को घर में ही रहने की सलाह दे रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश में 11 जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहा। इसमें सर्वाधिक एक्यूआई गुरुग्राम का 447 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर रहा।
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इन शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता गंभीर
शहर- एक्यूआई (माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर)
भिवानी- 412
चरखी दादरी- 418
धारूहेड़ा- 432
फरीदाबाद- 444
फतेहाबाद- 431
गुरुग्राम- 447
हिसार- 446
जींद- 442
कैथल- 391
मानेसर- 425
रोहतक- 434
सोनीपत- 429
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एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का मानक
0-50- अच्छा
51-100- संतोषजनक
101-200- सामान्य
201- 300- खराब ,
301- 400- बहुत खराब
401- 500- गंभीर
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क्रद्गश्चशह्म्ह्लद्गह्म् ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य :
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