हिमाचल, उड़ीसा में देसी गाय तो पंजाब, एमपी और यूपी में बढ़ी मुर्राह की डिमांड, हिसार में सीमन बैंक
देश के ए ग्रेड दो प्राइवेट सीमन बैंक हरियाणा के हिसार और महाराष्ट्र में हैं। देसी गाय के दूध में ए टू प्रोटीन के कारण सीमन की डिमांड बढ़ी। एक साल में 24 लाख सीमन डोज बेच चुका बैंक
हिसार [चेतन सिंह] भैंस के मुकाबले देसी गाय की डिमांड बढ़ रही है। देसी गाय के लिए अच्छी क्वालिटी के सीमन के लिए हिसार की ए ग्रेड सीमन लैब से संपर्क कर रहे हैं। सबसे ज्यादा डिमांड हिमाचल, उड़ीसा से आ रही है। यहां की सरकार ब्लक में सीमन के ऑर्डर कर रही है जबकि पंजाब, एमपी, यूपी, राजस्थान और तमिलनाडु में मुर्राह नस्ल की भैंस के सीमन की डिमांड ज्यादा है। हिसार के चौधरीवास में स्थित सीमन बैंक में 150 नस्ल के गाय व भैंस के सीमन मौजूद हैं। इसमें मुर्राह, क्रॉस ब्रीड, जर्सी, हारपारकर, गिर, हरियाणा और साहीवाल नस्ल के झोटों के समीन हैं। यह सीमन उच्च गुणवत्ता वाले हैं।
रिकॉर्ड दूध देने वाली गाय व भैंस से कटड़े व झोटे खरीदे जाते हैं। इस बैंक में सीमन की डिमांड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बैंक ने पिछले वर्ष 24 लाख सीमन डोज भेजे थे। एक डोज की कीमत आम तौर से 20 से 20 रुपये होती है। एक डोज में ही गाय व भैंस गर्भधारण कर लेती है। गर्भधारण में 21 दिन का समय लगता है।
इस कोरोना काल में दिल्ली से भी काफी लोग आकर देसी गाय के सीमन ले रहे हैं। इसका कारण यह है कि गाय के दूध में ए टू नाम का प्रोटीन होता है तो इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इसके कारण एकाएक देसी गाय के दूध की डिमांड खासतौर पर दिल्ली व एनसीआर में बढ़ी हैं। मांग अधिक और देसी गाय का दूध कम उपलब्ध होने के कारण दूध के रेट भी काफी बढ़ चुके हैं।
अच्छी मुर्राह नस्ल की यह पहचान
अच्छी मुर्राह नस्ल की भैंस की पहचान उसके रंग, आकार और सींगों से तो ही जाती है मगर सबसे महत्वपूर्ण बात है कि रोजाना प्रति लीटर भैंस कितना दूध दे रही है। एक भैंस 10 महीने तक दूध देती है। जो भैंस 305 दिन में करीब 5000 लीटर या इससे ऊपर दूध देती है उस भैंस को अच्छा माना जाता है और उसी भैंस के कटड़ों को सीमन बैंक द्वारा खरीद लिया जाता है।
देसी गाय के लिए सीमन की डिमांड में तेजी : मुंजाल
हिसार में राजगढ़ रोड पर मुंढाल से पांच किमी दूर स्थित यह प्राइवेट सीमन बैंक को भारत सरकार से ए ग्रेड हासिल है। देश के दो प्राइवेट बैंक के पास ही ए ग्रेड है। पिछले कुछ दिनों में मुर्राह के साथ देसी नस्ल के सांड़ों के सीमन की डिमांड बढ़ी है। दूसरे राज्यों से लोग आकर तो लेते ही हैं वहां की सरकारें भी बल्क में ऑर्डर करती हैं।
- डा. वीके मुंजाल, रिटार्यड डिप्टी डायरेक्टर