हिसार में निजी लैब की रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों से डेंगू के केस तीन गुना अधिक, सावधानी बेहद जरूरी
सरकारी विभाग से जारी आंकड़ों की अपेक्षा तीन गुना अधिक है। यह मरीज निजी अस्पतालों में दाखिल है। हालांकि इनमें अधिकतर निजी लैब की रिपोर्ट में ही डेंगू पाजिटिव है। अब जिले में 130 सक्रिय मरीज है हालांकि निजी अस्पतालों में इनके तीन गुना सक्रिय मरीज है।
जागरण संवाददाता, हिसार: जिले में डेंगू के मामले सरकारी विभाग से जारी आंकड़ों की अपेक्षा तीन गुना अधिक है। यह मरीज निजी अस्पतालों में दाखिल है। हालांकि इनमें अधिकतर निजी लैब की रिपोर्ट में ही डेंगू पाजिटिव है। अब जिले में 130 सक्रिय मरीज है, हालांकि निजी अस्पतालों में निजी लैब की रिपोर्ट में इनके तीन गुना सक्रिय मरीज है। शहर में स्थित ब्लड बैंको पर एसडीपी किट की कमी के कारण आरडीपी की डिमांड बढ़ी है। इन दिनों शहर के मुख्य ब्लड बैंकों पर आरपीडी यानि रैंडम डोनर प्लेलेट्स की 150 यूनिट प्रतिदिन लग रही है। ब्लड बैंकों पर सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की कमी के चलते आरपीडी मरीजों को उपलब्ध करवाई जा रही है। लेकिन आरपीडी की चार यूनिट एक साथ मरीज को चढ़ाई जाती है। इसलिए डोनर ढूंढने के लिए मरीजों के स्वजनों को परेशानी उठानी पड़ती है।
डेंगू के 42 नए मामले मिले
रविवार को भी जिले में डेंगू संक्रमण के 42 नए मामले मिले। जिससे जिले में डेंगू के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 797 पर पहुंच गई। बीते दो दिनों से डेंगू के मामलों में राहत थी, लेकिन अब फिर से 40 पार डेंगू के केस मिले है। जिससे लगता है कि सर्वाधिक डेंगू मामलों का आंकड़ा भी इस सीजन में टूट सकता है। गौरतलब है 797 केस का आंकड़ा अब तक मिले डेंगू केसों का सर्वाधिक दूसरा बड़ा आंकड़ा है। डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुभाष खतरेजा ने बताया कि अब तक 4203 डेंगू आशंकित लोगों के सैंपल लिए गए हैं। अब तक 666 व्यक्ति डेंगू से रिकवर हो चुके है और फिलहाल जिले में 130 डेंगू सक्रिय मरीज है।
कोरोना के बाद अब डेंगू के बढ़ते केसो से अधिकारी चिंतित
इधर डेंगू के बढ़ते केसों के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ती जा रही है। क्योंकि स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए पहले कोरोना से निपटना मुश्किल हो रहा था। वहीं स्थिति अब डेंगू की हो गई है। गौरतलब है कि जिले में पिछले वर्ष इन दिनों में काेरोना के केस का पीक समय था, यानि उस दौरान प्रतिदिन सैंकड़ो कोरोना मरीज मिले थे। उस दौरान भी जिले में बेड की कमी हो गई थी, वहीं स्थिति अब है, अब भी डेंगू के बढ़ते केसों के बीच सुविधाओं का अभाव हो गया है। एक तो बेड की कमी है, दूसरा सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की किट नहीं मिल पा रही है। अगर ब्लड बैंकों में किट आती भी है तो 10 से 12 की संख्या में आ पाती है जो हाथों हाथ लग जाती है। किट भेजने वाली कंपनियों का कहना है कि उनके पास किट विदेशों से नहीं पहुंच रही है। जिसके कारण वे किट नहीं भेज रहे है।
रविवार दोपहर 12 बजे से एक बजे तक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये डीजीएचएस मलेरिया डा. उषा गुप्ता, एडीजेएचएस डा. वीके बंसल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये जिलाधिकारियों से बैठक की। बैठक में सीएमओ डा. रत्नाभारती सहित सभी डिप्टी सिविल सर्जन, सर्विलांस अधिकारी डा. सुभाष खतरेजा सहित अन्य उपस्थित रहे। उपरोक्त अधिकारियों ने डेंगू को लेकर सभी जिलों की समीक्षा की। डेंगू पर अच्छे से फागिंग करवाना, एंटी लारवा अभियान और डेंगू केस की जानकारी, सुविधाओं की जानकारी ली और लगातार कार्य करने के निर्देश दिए।
ब्लड बैंक - एसडीपी किट - आरडीपी की खपत प्रतिदिन
सरकारी ब्लड बैंक - 0 - 30 से 35
सर्वोदय ब्लड बैंक - 0 -30 से 35
नलवा ब्लड बैंक - 0 - 30 से 35
मंगलम ब्लड बैंक - 0 - 35 से 40
श्री राम ब्लड बैंक - 20 - 25 से 30
अस्पताल - बेड - डेंगू और अन्य मरीजों की संख्या
आधार अस्पताल - 200 - 200
सर्वोदय अस्पताल - 100 - 100
सीएमसी अस्पताल - 100 - 100
जिंदल अस्पताल - 600 - 595
नोबल अस्पताल - 70 - 40
नोट...खाली बेड की संख्या घटती-बढ़ती रहती है।
डा. संदीप कालरा, सर्वोदय ब्लड बैंक, हिसार।
डा. शेखर सिन्हा, जिंदल अस्पताल, हिसार।
डा. जेपीएस नलवा, नलवा ब्लड बैंक, हिसार।
डा. अजय चुग, फिजिशियन, हिसार।