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Dengue Alert: हिसार में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 523 पहुंचा, पिछले 10 सालों का तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा

हिसार में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के लिए मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पिछले छह दिनों से हिसार में एसडीपी की किट उपलब्ध नहीं है। ब्लड बैंक मालिक लगातार संबंधित कंपनियाें को डिमांड भेज रहे हैं। वहीं क मरीज की एसडीपी मिलने से मौत भी हो चुकी है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 06 Nov 2021 10:33 AM (IST)Updated: Sat, 06 Nov 2021 10:33 AM (IST)
Dengue Alert: हिसार में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 523 पहुंचा, पिछले 10 सालों का तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा
हिसार में करीब दस डेंगू संदिग्ध की मौत हो चुकी है।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार में शुक्रवार को डेंगू संदिग्धों के सैंपल की जांच नहीं हो पाई, जिससे शुक्रवार को 35 दिन बाद डेंगू का कोई नया मामला नहीं मिला। लेकिन दिवाली के अगले ही दिन नए 35 डेंगू मरीज मिले थे। जिससे कुल मामलों की संख्या 523 पर पहुंच गई। यह पिछले 10 सालों में हिसार में डेंगू केस मिलने का तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे ज्यादा केस 2017 में 538 और अब तक 2015 में सर्वाधिक 1140 केस मिल चुके है। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. सुभाष खतरेजा ने बताया कि यह राहत की बात है कि कुल डेंगू मरीजो में से 453 स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 69 सक्रिय डेंगू मरीज अस्पतालों में उपचाराधीन है। अब तक 2819 सैंपल किए जा चुके है। इसके साथ विभाग ने अब तक एक मौत की पुुष्टि की है। हालांकि करीब दस डेंगू संदिग्ध की मौत हो चुकी है।

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बीते वर्षो में मिल चुके डेंगू के केस

वर्ष - मलेरिया - डेंगू

2011 - 9308 - 02

2012 - 4433 - 22

2013 - 1748 - 199

2014 - 582 - 17

2015 - 199 - 1140

2016 - 198 - 496

2017 - 168 - 538

2018 - 95 - 282

2019 - 46 - 168

2020 - 0 - 117

2021 - 00 - 102

पिछले छह दिनों से नहीं पहुंची किट

अन्य जिलों की तरह हिसार में भी सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के लिए मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पिछले छह दिनों से हिसार में एसडीपी की किट उपलब्ध नहीं है। ब्लड बैंक मालिक लगातार संबंधित कंपनियाें को डिमांड भेज रहे हैं। लेकिन दिवाली के बाद ही कंपनियों ने किट भेजने की बात कही थी। लेकिन शुक्रवार को भी ब्लड बैंकों पर एसडीपी किट नहीं पहुंची। मरीजों को एसडीपी के लिए अभी और इंतजार करना होगा। एक मरीज की एसडीपी मिलने से मौत भी हो चुकी है।

कुछ ब्लड बैंको ने आरडीपी करनी बंद की -कुछ ब्लड बेंको ने आरडीपी यानि रैंडम डोनर प्लेटलेट्स चढ़ानी बंद कर दी है, क्योंकि आरडीपी के सरकारी रेट 400 रुपये निर्धारित है। जबकि इसको निकालने में अलग-अलग कंपनियाें के आरडीपी बैग प्रयोग किए जाते है। जिनकी कीमत भी 400 रुपये पड़ रही है। ऐसे में उन्हें आरडीपी करने से किसी तरह का लाभ नहीं मिल रहा, जिसके चलते आरडीपी बंद कर दी। वहीं कुछ ब्लड बैंक सहयोग की भावना से आरडीपी उपलब्ध करवाने के कार्य में लगे हुए है।

डेंगू के मुख्यत: चार टाइप होते है

पहली स्टेज - पहली स्टेज में हल्का बुखार होना, कमर दर्द होने के लक्षण सामने आते है।

दूसरी स्टेज - आंखों के अंदर दर्द होने, तेज बुखार होने, शरीर के जोड़ो में दर्द, कमर दर्द जैसे लक्षण मिलते है।

तीसरी स्टेज डेंगू हेमर्जिक फीवर - इस स्टेज में खून के चकते जैसे निशान बन जाते है। प्लेलेट्स काउंट कम होता जाता है।

चौथी स्टेज डेंगू शोक सिंड्राेम - यह डेंगू की खतरनाक स्थिति होती है। बीपी और प्लेलेट्स दोनों कम हो जाती है। इसमें शरीर में पानी की कमी होती जाती है। जिसके कारण रिकवरी करना मुश्किल हो जाता है।

डेंगू एक वायरल डिजिज है। शोक सिंड्रोम से गंभीर स्थिति हो जाती है। बुखार उतारने के लिए और बीपी ठीक होने पर सामान्य ग्लूकोज मरीजों को चढ़ाई जाती है। मुख्यत डेंगू में खून को गाढ़ा होने से रोका जाता है। 20 हजार से प्लेटलेट्स नीचे आने पर प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है।

बकरी का कच्चा दूध न पिए

हिसार सिविल अस्पताल के फिजिशियन डां चुग ने बताया कि डेंगू मरीजों में उल्टी-दस्त् के मरीज मिल रहे है। इनकी प्लेटलेट्स तो ठीक हो जाती है। लेकिन कई मरीजों में देखने में आया कि बकरी का कच्चा दूध पीने से उल्टी-दस्त के मरीज बढ़ रहे है। कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए। डेंगू में उल्टी के लक्षण भी आते है। इसमें छठा और सातवां दिन घातक साबित हो सकता है। बुखार के बाद उल्टी आने पर चिकित्सक से उपचार करवाए। प्लेटलेट्स लगातार चेक करवाते रहे।

हिसार के नलवा ब्लड बैंक के डा. जेपी एस नलवा के अनुसार

कंपनी की तरफ से आठ नवंबर तक किट भेजने की बात कहीं गई है। एसडीपी के लिए लगातार डिमांड आ रही है। लेकिन कंपनी की तरफ से कहा जा रहा है चेन्नई में किट आ चुकी है। लेकिन क्लीयरेंस के कारण यहां नहीं भेजने की बात कंपनी कर्मचारी कह रहे है।


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