गलियों में भरे गंदे पानी की निकासी की मांग को लेकर दिया धरना
शहर के वार्ड नंबर 5 6 7 और 8 के निवासियों विशेषकर पांच निवर्तमान पार्षदों ने लंबे समय से गलियों में भरे सीवरेज के गंदे पानी की निकासी की मांग को लेकर आज जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसडीओ कार्यालय का घेराव किया।
संवाद सहयोगी, बरवाला : शहर के वार्ड नंबर 5, 6, 7 और 8 के निवासियों विशेषकर पांच निवर्तमान पार्षदों ने लंबे समय से गलियों में भरे सीवरेज के गंदे पानी की निकासी की मांग को लेकर आज जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसडीओ कार्यालय का घेराव किया। अनाज मंडी रोड पर मुख्य जल घर के मेन गेट को बंद करके वार्डों के लोगों ने धरना दिया और विभाग के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान पांच निवर्तमान पार्षदों रामकेश बंसल, संजीव कुमार, धर्म सिंह, डॉ सुरेंद्र नायक, कालूराम व राहुल आदि समेत अनेक लोग शामिल रहे। कार्यालय के समक्ष धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने घोसा गोबर का उपला जलाकर अपना रोष जाहिर किया। घोसा गोबर का उपला शोकग्रस्त घर के आगे जलाने की ग्रामीण क्षेत्र में परंपरा है। इन लोगों का आरोप है कि इलाके की मेन गली रविदास चौपाल से लेकर पुराना जलघर तक लंबे समय से गंदा सीवरेज का पानी भरा हुआ है। सीवरेज जाम व ओवरफलो के कारण यहां पर व आसपास की गलियों में आने जाने का रास्ता बंद है। स्कूली बच्चे, महिलाएं और वृद्ध लोग इस गंदे पानी में अक्सर गिर जाते हैं। यहां पर बीमारियां फैल रही है। मच्छरों व गंदगी की भरमार तथा वातावरण दूषित होने के कारण घर-घर में बुखार के रोगी है। परंतु प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यहां के अधिकारी बेखौफ हैं और मनमानी पर उतर आए हैं। 20 दिन पहले भी उन्होंने यहां पर प्रदर्शन किया था। उस समय भी एसडीओ ने क्षेत्र का दौरा करके आश्वासन दिया था कि 10 दिन में सारी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। परंतु 20 दिन से भी अधिक समय होने के बावजूद भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के एसडीओ तथा कनिष्ठ अभियंता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। यह लोग समस्या का समाधान करने की और कोई ध्यान नहीं दे रहे। आखिरकार धरने पर एसडीओ कुलदीप सिंह पहुंचे। उन्होंने यहां पर कनिष्ठ अभियंता आदि को बुलाकर उनकी समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए तथा दो तीन दिन का समय और मांगा। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।