हरियाणा के किसान संगठनों की मांग, संयुक्त मोर्चा को मिला है करोड़ों का चंदा, पीड़ित किसानों को दे सहायता राशि
स्युंक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने सामूहिक तौर पर प्रदेश सरकार से मांग की है कि करनाल में लाठीचार्ज की घटना के बाद जान गंवाने वाले किसान सुशील कुमार काजल के परिवार को 50 लाख की सहायता राशि दी जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने सामूहिक तौर पर प्रदेश सरकार से मांग की है कि करनाल में लाठीचार्ज की घटना के बाद जान गंवाने वाले किसान सुशील कुमार काजल के परिवार को 50 लाख की सहायता राशि दी जाए। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले। गंभीर रूप से घायल किसानों के लिए सरकार उपचार की व्यवस्था भी करे और लाठीचार्ज में अंग-भंग हुए किसानों को 20- 20 लाख सहायता राशि दी जाए। यहां जारी बयान में किसान नेता जगबीर घसौला ने कहा कि अगर सरकार ने सहायता राशि न दी तो किसान बड़ी रणनीति बनाने पर मजबूर होंगे।
किसान नेता विकल पचार ने कहा कि सरकार के साथ-साथ संयुक्त किसान मोर्चा भी अपनी तरफ से पीड़ित किसान परिवारों को 20-20 लाख सहायता राशि दे, क्योंकि प्रदेश व देश के किसानों और आम जनता ने चंदे के रूप में संयुक्त किसान मोर्चा को करोड़ों रुपये दे रखे हैं। विदेशों से भी किसानों की सहायता के लिए फंडिंग हुई है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान के परिवारों व हताहत किसानों की सहायता नहीं कर रहे। संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकतर बड़े नेता चंदे का प्रयोग निजी कार्यों पर कर रहे हैं। वे पांच सितारा होटलों में ठहरते हैं। हवाई यात्राएं करते हैं। दुर्भाग्य की बात है कि आम किसान को उस चंदे में से एक नए पैसे की सहायता नहीं मिली।
किसान नेता प्रदीप धनखड़ ने कहा कि बसताड़ा टोल प्लाजा की घटना पर प्रदेश सरकार व ड्यूटी मजिस्ट्रेट सीधे तौर पर जिम्मेदार है। जो वीडियो वायरल हुई है उसके आधार पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। सरकार को सुबूत मिल गया है। अब जांच का कोई विषय नहीं बनता। डा. शमशेर सिंह ने कहा कि प्रदेश में सत्तापक्ष के विरोध की अगवानी संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय कमेटी के पांच सदस्यों को करनी चाहिए। ताकि किसानों पर दर्ज हो रहे मुकदमों को रोका जा सके। अगर मोर्चा के नेता अगवानी में जाएंगे तो किसान और पुलिस में टकराव की स्थिति पैदा नहीं होगी