दिल्ली कारोबारियों का कबाड़ खरीदने से इंकार, प्लास्टिक व पॉलीथिन का 60 फीसद कारोबार ठप
शहर में प्रतिदिन साढ़े तीन हजार किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक व पॉलीथिन
पवन सिरोवा, हिसार : शहर में प्रतिदिन साढ़े तीन हजार किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक व पॉलीथिन खरीदकर मोटी चांदी कूटने वाले कबाड़ियों का कारोबार 60 फीसद ठप हो गया है। दिल्ली के व्यापारी अब हिसार का वेस्ट प्लास्टिक व पॉलीथिन खरीदने से इनकार करने लगे हैं। कबाड़ियों के इस कारोबार पर यह असर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस साल पॉलीथिन मुक्त दीवाली मनाने की घोषणा के बाद पड़ा है। ऐसे में अब पूर्व में बड़े स्तर पर प्लास्टिक व पॉलीथिन की खरीदारी कर चुके कबाड़ी दिल्ली के व्यापारियों से पुराने रिश्तों की दुहाई देते हुए खरीदा गया कबाड़ बेचने के लिए आग्रह करते हुए उसकी खपत कर रहे हैं।
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13 हजार क्विटल से अधिक पॉलीथिन व प्लास्टिक पर लगा ब्रेक
दैनिक जागरण ने कारोबारियों से बातचीत कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की, जिसमें पता चला कि शहर में करीब 12 ऐसे बड़े कबाड़ी हैं जो पॉलीथिन व प्लास्टिक वेस्ट खरीदते थे। कबाड़ियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक कबाड़ी प्रतिदिन औसतन 300 किलोग्राम तक प्लास्टिक व पॉलीथिन प्रतिदिन खरीदता है। यानि औसतन साढ़े 3 हजार से ज्यादा का प्लास्टिक व पॉलीथिन वेस्ट कबाड़ में खरीदा जाता है। ऐसे में औसतन बड़े कारोबारी ही 13 हजार क्विटल से अधिक वेस्ट खरीदते हैं। इसमें 50 माइक्रॉन से अधिक का पॉलीथिन होता है। वहीं प्लास्टिक वेस्ट में टूटे मग्गे, टब, बोतलें, डिस्पोजल, पाइप सहित विभिन्न सामान शामिल हैं। -----
पाबंदी पर प्लास्टिक व पॉलीथिन वेस्ट के घटे दाम
प्लास्टिक व पॉलीथिन वेस्ट कचरा बीनने वाले और डोर-टू-डोर जाकर कबाड़ खरीदने वालों से कबाड़ी 22 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से कबाड़ खरीदते थे। अब उसका रेट 10-12 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। वह वेस्ट भी वही कबाड़ी खरीद रहे हैं, जिनके पास स्टॉक करने की जगह है। बाकि कबाड़ियों ने तो अब प्लास्टिक वेस्ट खरीदने से ही इंकार करने लगे है। वहीं 50 माइक्रॉन से पतला प्लास्टिक अभी वहीं कबाड़ी खरीद रहे हैं जो केवल इसी का कारोबार करते हैं। नाम न छापने की शर्त पर कबाड़ी ने बताया कि हिसार सहित आसपास का पतला प्लास्टिक फतेहाबाद मार्ग, भूना और रतिया मार्ग पर फैक्टरियों में ही खपत हो रहा है। इस कचरे को रिसाइकिल कर खेतों में पानी लगाने वाले पाइप व अन्य सामग्री बनती है, जिनकी लाइफ भी कम होती है।
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2 अक्टूबर तक का इंतजार, घर व गोदामों में अटका कबाड़
शहर में कबाड़ के गोदामों में प्लास्टिक व पॉलीथिन वेस्ट के ढेर लग गए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती 2 अक्टूबर को है, जिसके तहत सिगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे में अब कबाड़ी 2 अक्टूबर के बाद इस मामले में सरकार की ओर से कुछ राहत मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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निगम व पीसीबी जागरूकता के नाम पर कर रहे खानापूर्ति
कबाड़ियों ने कहा कि हमें कोई भी जागरूक नहीं कर रहा। किसी कबाड़ी को आज तक सरकार के नोटिफिकेशन की कॉपी देकर नहीं समझाया गया। अफसर आदेश तक हमें नहीं दिखाते। जागरूकता के नाम पर खानापूर्ति कर सरकार अब हमारे कारोबार को खत्म कर रही है। हमें यदि कोई आकर बताएं कि क्या खरीद सकते हैं क्या नहीं तो हम इस पर अमल जरूर करेंगे। पीसीबी तो इस कदर भ्रष्ट है कि जानकारी देना तो दूर कोई कुछ पूछ भी ले तो समझो शामत आ गई, इसलिए सब इनसे डर के कारण बचते फिरते हैं। सरकार जागरूकता फैलाए हम साथ हैं।
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25 हजार क्विटल से ज्यादा का वेस्ट प्लास्टिक व पॉलीथिन का हिसार में सालाना कारोबार (अनुमानित)
-प्लास्टिक व पॉलीथिन वेस्ट खरीदने वाले शहर में बड़े कारोबारी - 12
-छोटे कारोबारी - करीब 40
-छोटे उद्योगों के साथ जुड़े लोग जो प्लास्टिक खरीदते हैं - 100
- शहर में कचरा बीनने वाले जो पंजीकृत - 120
-शहर में बड़े कारोबारी औसतन प्रतिदिन वेस्ट कर रहे एकजुट - 300 किलोग्राम ---------
शहर में पॉलीथिन बैन के लिए नगर निगम प्रशासन कार्य कर रहा है। लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। प्लास्टिक व पॉलीथिन बैन होने लगा है तो यह अच्छा है। इससे लोग अब कपड़े व जूट के थैले का प्रयोग शुरू करेंगे। इससे पर्यावरण का बचाव होगा। मेरी आमजन से भी अपील है कि वे पॉलीथिन का प्रयोग न करें।
- जेके अभीर, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।