दीपेंद्र हुड्डा बोले- फसलों को नष्ट करने या जलाने की बजाय पकने पर गरीबों को अनाज दें किसान
बरवाला में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर फसलों को नष्ट करना या उन्हें जलाना यह देश हित का काम नहीं है वह खुद भी इस हक में नहीं है कि फसलों को जलाया या नष्ट किया जाए।
बरवाला, जेएनएन। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर फसलों को नष्ट करना या उन्हें जलाना यह देश हित का काम नहीं है वह खुद भी इस हक में नहीं है कि फसलों को जलाया या नष्ट किया जाए। बरवाला में रविवार देर रात पूर्व महिला पार्षद बबीता हंस के आवास पर एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि फसल की कुर्बानी के नाम पर फसलों को नष्ट नहीं करना चाहिए। अनाज को बर्बाद करने की बजाय उसे गरीब आदमी को दे देना चाहिए।
फसलों को नष्ट करना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। इसकी बजाय अनाज गरीबों को देना ज्यादा उचित है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बरवाला में पूर्व महिला पार्षद बबीता हंस के अलावा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य रहे हर्ष मोहन भारद्वाज के आवास पर भी गए इन दोनों कार्यक्रमों में उन्होंने शिरकत की, तथा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। यहां पर पूर्व विधायक नरेश सेलवाल ने दीपेंद्र हुड्डा से बंद कमरे में अलग से बातचीत की।
जम्मू में कांग्रेस के कथित असंतुष्ट नेताओं के कार्यक्रम और उसमें पार्टी आलाकमान के प्रति मोर्चा खोलने व गुलाबी पगड़ी डालने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा उन सभी के साथ मिलकर केसरिया पगड़ी डालने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि केसरिया पगड़ी वहां की परंपरा है। कांग्रेस से असंतुष्ट होने का प्रश्न ही नहीं है। जम्मू में भी हुड्डा साहब ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं। इनमें से एक वह है जिनमें कांग्रेस पूरी तरह रची बसी है।
कांग्रेस आलाकमान के नेतृत्व के खिलाफ खुली जंग के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि वह कोई असंतुष्ट नहीं है। हुड्डा साहब पुश्तैनी कांग्रेसी हैं। असंतुष्ट की बातें केवल मीडिया की उपज है बरवाला में दीपेंद्र हुड्डा के स्वागत में आज लगाए गए होर्डिंग आदि से कांग्रेस आलाकमान के नेताओं के चित्र व कांग्रेस पार्टी का नाम नदारद होने बारे पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है सभी के चित्र लगे हुए हैं दीपेंद्र ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
वैसे तो कई विधायक किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं। कुछ विधायकों ने पद लेने से भी इनकार कर दिया। ऐसे में अगर विधानसभा में यह पता चलेगा कि कौन विधायक किसके साथ है उन्होंने कहा कि एक विधायक की सदस्यता खत्म होने और विधायक अभय चौटाला द्वारा विधानसभा से इस्तीफा देने से अविश्वास प्रस्ताव की मुहिम को धक्का लगा है।
किसान आंदोलन के समर्थन में सांसद पद से अपना इस्तीफा देने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह संसद में किसानों की आवाज बुलंद कर रहे हैं इतना ही नहीं वहां रहकर ही वह बीजेपी को हराने का काम करेंगे। किसान आंदोलन उन्होंने कहा कि सरकार को अपना अहंकार छोड़ कर किसानों को फिर से बुलाकर फिर बातचीत करनी चाहिए।
सरकार प्राथमिकता के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान करें सरकार किसानों की भावनाओं को समझें। किसान वर्ग शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहा है इससे यह स्पष्ट है कि उनकी नीति और नियत बिल्कुल साफ है वह अपनी जायज मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है और उन्होंने इस आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार का कोई नुकसान किसी का नहीं किया।
इस किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब और हरियाणा को है पंजाब की सभी पार्टियां इस मुद्दे पर एक हो चुकी है परंतु हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी किसानों के खिलाफ है । प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बरोदा उपचुनाव हरियाणा में नगर निगम के चुनाव पालिका के चुनाव तथा पंजाब में निकाय चुनाव में भाजपा की करारी हार से भी कोई सबक नहीं लिया है इसलिए आने वाले समय में इस सरकार को अब खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
यहां पर उन्हें पूर्व पार्षद बबीता हंस और मास्टर मोहन लाल हंस ने शाल भेंट करके सम्मानित किया गया। इस दौरान उनके साथ पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल पूर्व विधायक नरेश सेलवाल रणधीर सिंह तेजबीर पूनिया पम्मी सरदार धर्मेंद्र बंजारा रमेश बैटरी वाला रामनिवास घोड़ेला पूर्व पार्षद राजू घोड़ा मौजूद रहे।