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हिसार में डबल मर्डर केस में 10 साल बाद आया फैसला, 12 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

बड़छप्पर गांव में शामलात की भूमि पर कब्जे को लेकर हुए झगड़े में दो लोगों की हत्या मामले में 12 दोषियों को आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एडीजे गुरविंद्र सिंह वधवा की अदालत ने 11 फरवरी को उपरोक्त मामले में 12 लोगों को दोषी करार दिया था।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 12:55 PM (IST)
हिसार में डबल मर्डर केस में 10 साल बाद आया फैसला, 12 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
हिसार के गांव बड़छप्‍पर में हुए दोहरे हत्‍याकांड में 10 साल बाद फैसला आया है

हिसार, जेएनएन। वर्ष 2010 में बड़छप्पर गांव में शामलात की भूमि पर कब्जे को लेकर हुए झगड़े में दो लोगों की हत्या मामले में 12 दोषियों को आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि अदालत ने फैसले के लिए पहले 15 फरवरी तिथि निर्धारित की थी मगर कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी थी, मगर फैसले की कॉपी तैयार नहीं होने के कारण फैसले का दिन सोमवार निर्धारित किया गया था। एडीजे गुरविंद्र सिंह वधवा की अदालत ने 11 फरवरी को उपरोक्त मामले में 12 लोगों को दोषी करार दिया था। गौरतलब है कि बड़छप्पर निवासी रामकेश की शिकायत पर 28 फरवरी 2010 को नारनौंद थाने में केस दर्ज किया गया था।

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हालांकि बाद में यह केस बास थाना बनने के बाद वहां शिफ्ट कर दिया था। अदालत ने मामले में बड़छप्पर निवासी भोलू, सुरेंद्र, देवीराम, मोहन उर्फ मोहिनी, ‌विजेंद्र, गंगादत्त, कमल सिंह, माला, कृष्ण, परसराम, जींद के गांगोली निवासी सोनू और निढाणा निवासी जीवन को दोषी करार दिया था। इस मामले में घायलों का इलाज रोहतक पीजीआई किया गया था।

यह था डबल मर्डर करने का मामला

नारनौंद थाना में दी शिकायत में रामकेश ने आरोप लगाया था कि उसके गांव के ही परसराम और ओमप्रकाश उसकी कड़ियों व शामलात भूमि पर कब्जा करना चाहते है। रामकेश ने बताया था कि भूमि को लेकर पंचायत हुई थी, जिसमें इन्हें भूमि पर कब्जा करने से मना किया था। रामकेश का आरोप था कि 27 फरवरी 2010 की रात लगभग 10 बजे परसराम, ओमप्रकाश, विजेंद्र उर्फ काकू, माला, मोहनी, भीलू, कृष्ण, सुरेंद्र, देवीराम, नवीन, सोनू, चांद, गंगादत्त, परसराम का बहनोई व चार-पांच अन्य लोगों ने शामलात भूमि और उसकी कड़ियों पर कब्जा किया. उनके हाथ में पिस्तौल, डंडे, जेली और कस्सी थी।

रामकेश ने बताया था कि जब उसे पता चला तो उसने अपने भाई बलराज, पिता भवासी राम, चचेरे भाई संजय, मनोज उर्फ विनोद, कुलदीप, सुरेंद्र, पृथ्वी, परवेल ने रोकने का प्रयास किया। तब सभी आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। इस दौरान हुई फायरिंग में रामकेश, संजय और मनोज उर्फ विनोद, सुंदर, कुलदीप, महिपाल, परवेल, पृथ्वी बुरी तरह जख्मी हो गए थे। गोली लगने से संजय ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। बाकी सभी को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया। पीजीआई में मनोज उर्फ विनोद ने भी दम तोड़ दिया था।


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