Move to Jagran APP

यूट्यूब पर देख जैविक खेती करने का लिया निर्णय, दो साल से अच्‍छी कमाई कर रहा झज्‍जर का किसान

करीब 2 साल पहले यूट्यूब पर राजीव दीक्षित प्राकृतिक खेती के बारे में बता रहे थे। उसकी प्रेरणा से सुरेन्द्र किन्हा ने भी मन में ठान लिया कि वे भी जहर मुक्त फसलें पैदा करेंगे। यूट्यूब के माध्यम से उसने देशी खाद तैयार की 4 एकड़ में फसलें तैयार की।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 09:04 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 09:04 AM (IST)
यूट्यूब पर देख जैविक खेती करने का लिया निर्णय, दो साल से अच्‍छी कमाई कर रहा झज्‍जर का किसान
यूट्यूब से सीख जैविक खेती करने वाले झज्‍जर के‍ किसान सुरेंद्र

झज्‍जर/माछरोली, जेएनएन। करीब दो साल पहले की बात है। सामान्य किसानों की तरह खेती करके गांव माछरोली निवासी किसान सुरेंद्र किन्हा भी जीवन यापन करता था। लेकिन इसी बीच उन्होंने यूट्यूब पर राजीव दीक्षित को प्राकृतिक खेती के बारे में बताते हुए देखा। यूट्यूब पर देखने के बाद सुरेंद्र खुद प्रेरित हुए और जैविक खेती करने का निर्णय लिया और कड़ी मेहनत की। आज उनकी मेहनत रंग ला रही है। पिछले वर्षों से गेहूं की अच्छी फसले खेत में लहलहा रही है। जिसकी बदौलत आज सुरेंद्र के चेहरे पर भी खुशी है और दूसरा जैविक खेती करने को सुकून भी।

loksabha election banner

गांव माछरोली निवासी किसान सुरेंद्र किन्हा पुत्र ईश्वर सिंह ने बताया कि वह अब जहर मुक्त जैविक खेती कर रहा है। उनका कहना है कि वे कई सालों से खेती कर रहे हैं और खेती से ही अपना परिवार का पालन पोषण करते हैं। करीब 2 साल पहले यूट्यूब पर राजीव दीक्षित प्राकृतिक खेती के बारे में बता रहे थे। उसकी प्रेरणा से सुरेन्द्र किन्हा ने भी मन में ठान लिया कि वे भी जहर मुक्त फसलें पैदा करेंगे। यूट्यूब के माध्यम से उसने देशी खाद तैयार की ओर गेंहू की 4 एकड़ में फसलें तैयार की।

सुरेन्द्र किन्हा का कहना है कि कई सालों से गेहूं की फसलों की बिजाई कर रहे हैं, लेकिन जो देशी खाद से गेहूं की उपज इस बार हुई है, वो बहुत बढ़िया है। गेंहू की बाली (गेहूं के दाने) का आकार भी बड़ा है। खेतों में यूरिया खाद डालकर अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, जो कि अनेक बीमारियों को पैदा कर रही है। अगर हम अपनी देशी खाद से पैदावार करें तो बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकता है। गाय के गो मूत्र ओर गोबर की का विशेष महत्व है और सब इस प्रकार इस्तेमाल करे तो गो माता की भी कदर होने लगे गी।

खाद बनाने की विधि

पशु का मूत्र 10 लीटर, गोबर 10 किलो, गुड़ 1 किलो, पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी, 200 लीटर ड्रम में पानी भरकर किसी पेड़ की छाया में रखकर 7-8 दिन तक सुबह शाम 5-5 मिनट हिलाए। इस तरह जीवामृत तैयार कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.