एक हजार रुपये में दवा देकर शर्तिया लड़का होने का करती थी दावा, वृद्धा गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, हांसी (हिसार) : स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार को हांसी के आर्य नगर में रहन
जागरण संवाददाता, हांसी (हिसार) : स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार को हांसी के आर्य नगर में रहने वाली 60 वर्षीय उर्मिला शर्मा को शर्तिया लड़का पैदा होने का दावा कर दवा बेचते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस मामले का भंडाफोड़ करने के लिए विभाग की तरफ से गर्भवती महिला को एक गवाह के साथ बोगस ग्राहक बनाकर भेजा गया था। उन्हें पांच सौ-पांच सौ रुपये के दो नोट दिए थे। वे दोनों महिला के पास गईं और उससे लड़का पैदा होने की दवा मांगी। तब उक्त महिला ने उन्हें पुड़िया में दवा देकर कहा कि यह खाने से 100 फीसद लड़का ही पैदा होगा। इस दवा के एवज में उनसे 1000 रुपये ले लिए थे। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर दोनों महिलाओं ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को इशारा कर दिया था। तब पुलिस के साथ टीम ने आवास पर छापा मारकर महिला को दवा सहित काबू कर लिया था। स्वास्थ्य अधिकारियों की शिकायत पर आरोपी महिला के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में पीसी-पीएनडीटी और आइएमसी एक्ट सहित धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है।
बता दें कि हरियाणा सरकार में अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुप्त सूचना मिली थी कि वृद्ध महिला द्वारा शर्तिया लड़का पैदा होने की दवा बेची जाती है। इसके बाद यह मामला जिला उपायुक्त और सीएमओ के संज्ञान में लाया गया था। उन्होंने डिप्टी सीएमओ डा. टीपी शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। इसमें पीसी एंड पीएनडीटी के नोडल आफिसर अनिल आहुजा और ड्रग विभाग से डा. सुरेश चौधरी को शामिल किया गया था। इससे पहले एक वृद्ध दवा बेचते हुए पकड़ा जा चुका है।
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सास का निधन होने के बाद बहू ने संभाली थी कमान..पकड़ी गई
स्वास्थ्य विभाग के समक्ष आरोपी महिला उर्मिला ने बताया कि सरकारी अस्पताल में उसकी सास काम करती थी। पहले वह गर्भवती महिलाओं को शर्तिया लड़का पैदा होने की दवा बेचा करती थी। कुछ साल पहले ही उसका निधन हो गया था। इसके बाद उसने गैरकानूनी काम करना शुरू कर दिया था। वह भी सैकड़ों महिलाओं को 100 दवा बेच चुकी है। एक बार की दवा के बदले एक हजार रुपये तक वसूलती थी। इतना ही नहीं महिला पंसारी की दुकान से देसी दवा लेकर आती थी। गर्भवती महिलाओं से कहती थी कि इसका सेवन खाली पेट सिर्फ गाय के दूध के साथ करना है। नियमित दवा का सेवन करने से लड़का ही पैदा होगा। उसने दावा भी किया कि जिसने दवा का सेवन किया उसको लड़का ही पैदा हुआ है। हालांकि इससे संबंधित कोई रिकॉर्ड या सुबूत फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के हाथ नहीं लग पाया है।
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बेटा-बेटी का फर्क करने वालों पर कसना होगा शिकंजा
सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम के प्रचार और प्रसार में जुटी हुई है लेकिन असामाजिक तत्व हरियाणा की छवि को धूमिल करने में जुटे हुए हैं। कोई पैदा होने के बाद बेटियों को फेंक रहा है तो कोई गर्भ में मार रहा है। अब शर्तिया लड़का पैदा होने के झांसे में फंसकर देसी दवा खाकर अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को जोखिम में डाल रही हैं। बेशक, गर्भ में लड़की पल रही हो। शर्तिया लड़का पैदा होने की दवा देने वाले महिला, पुरूष, नीम-हकीम गली, मोहल्ले, शहर और गांव में काफी हैं। इसमें दो राय नहीं कि चोरी-छिपे गोरखधंधा चला रहे हैं। इन पर शिकंजा कसना जरूरी है। तभी बेटी बचेंगी और पढ़ पाएंगी। इसके साथ ही लड़का-लड़की में अंतर बढ़ने की बजाए घटेगा। उन दंपतियों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है, जिनके सहारे उक्त लोगों की दुकान चल रही है। जिस दिन दंपतियों, परिवार और समाज ने लड़का-लड़की को एकसमान दर्जा देना शुरू कर दिया, उसी दिन से दुकानें भी बंद हो जाएगी। अच्छी परवरिश लड़की को मिले तो वह भी नाम रोशन कर सकती है।
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आर्य नगर में महिला को शर्तिया लड़का पैदा होने की दवा देते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। उसके विरुद्ध केस दर्ज करवा दिया है। लड़का-लड़की में फर्क समझ गैरकानूनी काम करने वाले उनके निशाने पर हैं। चाहे गर्भपात करते हों या फिर भू्रण ¨लग जांच। दवा देने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
- डा. टीपी शर्मा, डिप्टी सीएमओ परिवार कल्याण विभाग।