विदेश से नहीं लौटी बहू, सिरसा में ससुर ने जहर निगलकर दी जान, जानिए पूरा मामला
सिरसा पुलिस को दिए बयान में हरमीत सिंह ने कहा कि 18 जनवरी 2018 को उसकी शादी गांव कोटशमीर (बठिंडा) निवासी पवनदीप कौर सिंधू के साथ हुई थी। उस वक्त वह कनाडा में पढाई के आधार पर गई हुई थी।। शादी से करीब 10 दिन पहले विदेश से लौटी थी।
डबवाली (सिरसा), संवाद सहयोगी। मनाने के बावजूद बहू विदेश से नहीं लौटी तो ससुर ने जहर निगलकर जान दे दी। मामला डबवाली के गांव पन्नीवाला मोरिकां का है। सदर थाना पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में बेटे के ससुरालियों के खिलाफ केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरु कर दी है।
पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार
पुलिस को दिए बयान में हरमीत सिंह ने कहा है कि 18 जनवरी 2018 को उसकी शादी गांव कोटशमीर (बठिंडा) निवासी पवनदीप कौर सिंधू के साथ हुई थी। उस वक्त वह कनाडा में पढाई के आधार पर गई हुई थी।। शादी से करीब 10 दिन पहले विदेश से लौटी थी। बाद में करीब 10 दिन घर पर रही। फिर विदेश लौट गई थी। हरमीत के मुताबिक उसने भी वर्क परमिट पर पासपोर्ट बनाया था। लेकिन उसका वीजा नहीं लगा। दिसंबर 2021 तक उसकी पत्नी के साथ बातचीत होती रही। बाद में पवनदीप, उसके पिता भूपेंद्र सिंह तथा मां बलजिंद्र कौर को भारत में ही वापिस आने के लिए कहा। लेकिन वह नहीं मानी। पवनदीप तथा उसके स्वजनों ने कहा कि वह उससे अलग हो जाए। उन्होंने घर बसाने के लिए पंचायतें की।
पिता ने निगला जहर
बहू के वापिस न आने से ससुर इकबाल सिंह (52) मानसिक तौर पर परेशान रहने लगे। 20 जनवरी को दोपहर बाद करीब पौने 12 बजे उसके पिता ने जहर गटक लिया। गत 21 जनवरी को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए डबवाली के नागरिक अस्पताल में बने शवगृह में रखा है। शनिवार को शव का पोस्टमार्टम होगा।
रुपये ऐंठने का आरोप
पुलिस को दिए बयान में मृतक इकबाल के बेटे ने यह भी बताया है कि रिश्ता तय होने के बाद ससुरालियों की मांग पर उन्होंने 10.50 लाख रुपये दिए थे। शादी के समय भी करीब आठ लाख रुपये खर्च किए थे। चूंकि उसके ससुर (बहू के पिता) ने शादी के खर्च की जिम्मेवारी उनकी तय कर दी थी। शादी के बाद भी वह पत्नी की डिमांड पर यूनी मनी बैंक बठिंडा के खाता से रुपये भेजता रहा। उसने करीब 12 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। पवनदीप ने उसे चक्कर में डालने के लिए अलग-अलग समय पर छह-सात लाख रुपये वैस्टर्न यूनियन बैंक डबवाली में यह कहकर भेजे कि उसके माता-पिता तक पहुंचा दो।