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Jhajjer News: मेरी साइकिल मेरी पसंद योजना के तहत लगा साइकिल मेला, अभिभावकों ने साइकिलों को बताया महंगा

झज्जर में साइकिल मेले में पहुंचे अभिभावकों ने उपायुक्त से कहा कि साहब यहां पर तो साइकिलें बहुत महंगी है। ऐसे में अब साइकिल विक्रेताओं का कहना है कि खरीदी गई साइकिलें भी दुकान से लेकर जानी होगी। इसके लिए भी उन्हें किराया लगाना पड़ेगा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 05:38 PM (IST)
Jhajjer News: मेरी साइकिल मेरी पसंद योजना के तहत लगा साइकिल मेला, अभिभावकों ने साइकिलों को बताया महंगा
साइकिल मेले में पहुंचे अभिभावकों ने उपायुक्त के समक्ष रखी अपनी समस्याएं।

झज्जर, जागरण संवाददाता। झज्जर में साइकिल मेले में पहुंचे अभिभावकों ने उपायुक्त से कहा कि साहब यहां पर तो साइकिलें बहुत महंगी है। जिन साइकिलों को बच्चे पसंद कर रहे हैं, उनकी कीमत तो सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि से दो गुना से भी अधिक है। इस कारण जेब से पैसे देने पड़ते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार मदद कर रही हैं। जबकि, साइकिल मेले में पहुंची साइकिलों की कीमत 8 हजार या इससे भी अधिक है। इधर, सरकार 2800 से 3 हजार रुपये की राशि ही दे रही है।

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सरकार साइकिल के लिए दे रही 2800 से 3 हजार रुपये

ऐसे में अब साइकिल विक्रेताओं का कहना है कि खरीदी गई साइकिलें भी दुकान से लेकर जानी होगी। इसके लिए भी उन्हें भाड़ा (किराया) लगाना पड़ेगा। जिस पर डीसी श्याम लाल पूनिया ने कहा कि सभी साइकिलें ब्लाक में पहुंचाई जाएंगी। ताकि बच्चों को शहर में दुकानों पर साइकिल लेने ना आना पड़े। बता दें कि शिक्षा विभाग ने मेरी साइकिल मेरी पसंद योजना के तहत झज्जर शहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में साइकिल मेले का आयोजन किया गया। जहां पर लाभार्थी बच्चे व उनके अभिभावक आकर अपनी पसंद की साइकिल का चयन कर सके।

साइकिलों की कीमत पहले ही महंगी

साइकिल मेले का निरीक्षण करने के लिए उपायुक्त श्याम लाल पूनिया व एसडीएम शिखा, जिला शिक्षा अधिकारी बीपी राणा व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह आदि मौजूद रहे। दरअसल, साइकिल मेले में पहुंचे डीसी व अन्य अधिकारियों ने मेले का निरीक्षण किया। इस दौरान गांव सौंधी निवासी अमृत ने बताया कि वह अपने बेटे राहुल व भूपेंद्र को साइकिल दिलाने के लिए पहुंचे हैं। लेकिन यहां पर बच्चों ने जो साइकिल पसंद की है उनकी कीमत साढ़े 6 हजार बताई जा रही है। सरकार इससे आधे भी नहीं देती। गांव सौंधी निवासी सोनू ने बताया कि वह अपनी बेटी दीपिका को साइकिल दिलाने आया था, यहां साइकिलों की कीमत पहले ही महंगी है। ऊपर से कैश भी जमा करवाने पड़ते हैं।

साइकिल मेले में दुकानदार अपनी मर्जी के अनुसार कीमत

साइकिल मेले में दुकानदार अपनी मर्जी के अनुसार कीमत लगा रहे हैं। गांव कड़ोदा निवासी सतबीर ने बताया कि उसके बच्चे ने जिस साइकिल को पसंद किया उसकी कीमत साढ़े 6 हजार रुपये थी। इस समस्या को लेकर वे उपायुक्त से मिले। उपायुक्त ने उन्हें साइकिल कीमत में 500 रुपये कम करने की रियायत दी है। कई अन्य अभिभावक व बच्चे भी उपायुक्त से मिले और कहा कि साइकिलों की कीमत कम करने की मांग की।

मेरी साइकिल मेरी पसंद योजना

बुधवार को मेरी साइकिल मेरी पसंद योजना के तहत एक दिवसीय साइकिल मेले का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 220 लाभार्थी छठी व सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को साइकिल मिलनी है। पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण छठी कक्षा में होने वाले बच्चों को साइकिल नहीं मिली थी, इसलिए अब छठी व सातवीं दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को ही साइकिल वितरित की जाएगी। साइकिल पसंद करने के बाद 20 इंच की साइकिल के लिए 2800 रुपये तथा 22 इंच की साइकिल के लिए 3 हजार रुपये की राशि बैंक खातों में डाली जाएगी। मेले में बच्चे अपनी पसंद की साइकिल खरीद सकते हैं। इसके लिए साइकिल मेले का आयोजन किया गया है। इधर, साइकिल मेले के प्रति बच्चों व अभिभावकों में भी उत्साह दिखाई दिया।


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