सावधानी रखकर साइबर अपराधों से बचा जा सकता है : आइजी राकेश कुमार आर्य
साइबर अपराध एक वैश्विक चुनौती विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने देश में बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में चर्चा की।
- साइबर अपराध एक वैश्विक चुनौती- कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज
- गुजवि में आरंभ हुई 'सूचना एवं साइबर सुरक्षा' विषय पर कार्यशाला
जागरण संवाददाता, हिसार : आइजी पुलिस राकेश कुमार आर्य हिसार ने कहा है कि साइबर अपराध दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। सावधान रहकर हम इन अपराधों से बच सकते हैं। वर्तमान समय में डाटा स्त्रोत आसानी से उपलब्ध हैं। साइबर अपराधी इन्हीं का फायदा उठाकर अपराधों को अंजाम देते हैं। आइजी राकेश आर्य सोमवार को गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग विभाग के सौजन्य से 'सूचना एवं साइबर अपराध' विषय पर आरंभ हुए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज इस कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रायोजित इस कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के संयोजक कर्नल वी. बंकेट और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा भी उपस्थित रहे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली की डा. मंजू खारी उद्घाटन समारोह की मुख्यवक्ता थी। उद्घाटन समारोह में इंजीनियरिग संकाय की डीन प्रो. सरोज तथा विभाग के अध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे।
आइजी राकेश आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय और बैकिग अपराधों के साथ-साथ निजता का हनन और लिगांपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर आतंकी समूचे राष्ट्र व विश्व के लिए चुनौती बने हुए हैं। हमें व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, सामूहिक स्तर पर भी इस दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग के जहां बहुत फायदे हैं, वहीं चुनौतियां भी हैं। भारत सरकार ने इस अपराध को रोकने के लिए एक पोर्टल www.ष्4ढ्डद्गह्मष्ह्मद्बद्वद्ग.द्दश्र1.द्बठ्ठ आरंभ किया है। इस पोर्टल पर जाकर साइबर अपराध के बारे में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
साइबर सुरक्षा आधुनिक युग में चुनौती : कुलपति
कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा कि साइबर सुरक्षा आधुनिक युग की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत साइबर सुरक्षा के खतरे का सामना करने वाला जापान के बाद एशिया का दूसरा देश है। भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों तथा साइबर के क्षेत्र में कार्य करने वालों को इस दिशा में तेजी से और गंभीरता से कार्य करना होगा। सुरक्षा के लिए यह एक ऐसा खतरा है, जो अब से पहले कभी नहीं था।
नई शिक्षा नीति चुनौतियों से निपटने में सहायक
कर्नल वी बंकेट ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद इस प्रकार के कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करती है। नई शिक्षा नीति हमें नई चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है। कार्यक्रम में 132 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम दो अक्टूबर तक चलेगा। इस अवसर पर प्रो. धर्मेन्द्र कुमार, प्रो. संदीप आर्य, प्रो. पीके भाटिया, प्रो. संजीव कामरा, प्रो. ज्योति, डा. कृष्ण कुमार रंगा, डा. जसविन्द्र व डा. सुनील उपस्थित रहे।