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रोहतक में पॉवरफुल हुए पार्षद, दो साल में पहली बार गठित हुईं सात सब कमेटियां

सब कमेटियों के गठन के बाद ही हाउस की बैठक में पास हुए एजेंडे मान्य होते हैं। पूर्व पार्षद नौरातामल भटनागर ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि पार्षद चाहें तो अधिकारियों के निलंबन ट्रांसफर तक करा सकते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 05:43 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 05:43 PM (IST)
रोहतक में पॉवरफुल हुए पार्षद, दो साल में पहली बार गठित हुईं सात सब कमेटियां
कुल 22 में से 20 भाजपा पार्षद हैं, जबकि नगर निगम में दो कांग्रेस के हैं पार्षद

रोहतक, जेएनएन। नगर निगम रोहतक के पार्षद पॉवरफुल हो गए हैं। दो साल में पहली बार नगर निगम ने सात सब कमेटियों का गठन किया है। फिलहाल नगर निगम के सभी 22 में से 20 भाजपाई पार्षदों को तवज्जो मिली है। सब कमेटियों में भाजपाई पार्षद ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। कुल दो कांग्रेसी पार्षदों को सब कमेटी में सदस्य पद ही मिल सका है।

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नगर निगम हाउस की बैठक पिछले दो साल से बगैर सब कमेटियों के होती रहीं हैं। सब कमेटियों के गठन के बाद ही हाउस की बैठक में पास हुए एजेंडे मान्य होते हैं। पूर्व पार्षद नौरातामल भटनागर ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि पार्षद चाहें तो अधिकारियों के निलंबन, ट्रांसफर तक करा सकते हैं। इन्होंने नियम बताया कि कोई अधिकारी-कर्मचारी यदि गड़बड़ी करता है सब कमेटियां प्रशासन और सरकार को एकमत होकर कार्रवाई के लिए पत्र लिख सकती हैं। नगर निगम हाउस की तरह ही सब कमेटियां ताकतवर होती हैं। इन्होंने यह भी कहा कि सब कमेटियों की बैठक नियमित हो और संबंधित सब कमेटियां जनता के हक की आवाज उठाएं तो हालात सुधरेंगे।

नाराज पार्षद को मनाने की कोशिश, वरिष्ठता के बजाय करीबियों को तवज्जो, नाराजगी

नगर निगम में सब कमेटियों के गठन में वरिष्ठता को दरकिनार किया गया है। करीबी पार्षदों के साथ ही नाराज चल रहे पार्षदों को भी सब कमेटी में शामिल किया गया है। दो कांग्रेसी पार्षद वरिष्ठ होते हुए भी सिर्फ सदस्य बनाया गया है। इसलिए नाराजगी भी सामने आ रही है। हालांकि अभी तक चर्चाएं हैं कि तीन सब कमेटियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ ही पांच-पांच या फिर छह-छह सदस्य चुनना शेष है। इनमें भी दूसरे वरिष्ठ और कांग्रेसी पार्षदों को अध्यक्ष पद मिल सकता है।

पार्षदों की मांग पर सब कमेटियों का गठन किया गया है। अब सब कमेटियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य जब चाहें बैठक कर सकते हैं। हाउस की बैठक की तर्ज पर सब कमेटी की बैठकों के एजेंडे मान्य होंगे।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

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यह सब कमेटियां की गई हैं गठित :::::

इन सात सब कमेटियों का किया गया है गठन :

1. वित्त एवं अनुबंध सब कमेटी : नगर निगम में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की निगरानी, पारदर्शिता से कार्य कराना और अनुबंध के तहत होने वाले कार्यों की निगरानी कराना भी कार्य शामिल रहेगा।

यह है कमेटी : कमेटी के अध्यक्ष नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल व उपाध्यक्ष सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल होंगे। सदस्यों में अनिल कुमार डिप्टी मेयर, कंचन खुराना वार्ड-13, कृष्ण सेहरावत वार्ड-1 शामिल हैं।

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2. भवन एवं सड़क निर्माण सब कमेटी : शहर में सरकार के निर्देश के हिसाब से वैध निर्माण कार्य कराना, नक्शा पास कराने के साथ ही दूसरे माध्यमों से राजस्व जुटाना, अवैध निर्माण कार्यों पर रोक लगाना भी कार्य।

यह है कमेटी : सब कमेटी की अध्यक्ष वार्ड-20 की पार्षद पूनम किलोई व उपाध्यक्ष मनोज कुमार वार्ड-7 होंगे। सदस्यों में वार्ड-18 की पार्षद दीपिका नारा, वार्ड-12 की पार्षद मंजू हुड्डा, वार्ड-9 के पार्षद जयभगवान, वार्ड-5 के पार्षद गीता वार्ड-5 को सदस्य बनाया है।

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3. प्रॉपर्टी टैक्स सब कमेटी : प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित ब्योरे, नए संसाधन जुटाना, लोगों की समस्याएं निस्तारित कराने का कार्य आदि।

यह है कमेटी : कमेटी के अध्यक्ष धर्मेंद्र गुलिया पप्पन और वार्ड-14 के पार्षद राधेश्याम ढल, वार्ड-11 के कांग्रेस पार्षद कदम सिंह अहलावत, वार्ड-8 के पार्षद सुनील कुमार, वार्ड-22 की पार्षद संतोष, वार्ड-15 के कांग्रेस पार्षद गुलशन ईशपुनियानी सदस्य बनाए गए हैं।

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4. पानी आपूर्ति एवं सीवरेज निपटान सब कमेटी : शहर में दूषित पानी की आपूर्ति को रोकने के लिए कार्य कराना, पेयजल आपूर्ति का समुचित इंतजाम कराना और सीवरेज से संबंधित समस्याओं का समाधान कराना।

यह है कमेटी : वार्ड-6 के पार्षद सुरेश किराड़ को अध्यक्ष, वार्ड-19 की पार्षद को उपाध्यक्ष के अलावा सदस्यों में वार्ड-16 की पार्षद डिंपल जैन, वार्ड-10 के पार्षद राहुल देशवाल, वार्ड-2 की पार्षद सुमन सैनी, वार्ड-3 के पार्षद तिलकराज सिंह चौहान को बनाया है।

--अभी इन तीन सब कमेटियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य चुने जाएंगे

1. अतिक्रमण सब कमेटी : संबंधित कमेटी शहर में अतिक्रमण व जाम से निपटने के लिए कार्रवाई, जुर्माना, जुर्माने की रकम का फैसला, तहबाजारी का फैसला व कार्रवाई के माध्यम से राजस्व जुटाना।

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2. सुंदरीकरण सब कमेटी : शहर को हरा-भरा बनाने के साथ ही सुंदरीकरण की विभिन्न योजनाओं पर अमल कराना मुख्य कार्य होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियों, केंद्र-राज्य सरकार के आदेश-निर्देशों पर कार्य कराना। शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए नए फैसले लागू कराना, सुझाव भी मांगना कार्य।

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3. खरीद सब कमेटी : नगर निगम में होने वाली प्रत्येक खरीद-फरोख्त के कार्य पर नजर रखना। पारदर्शिता से प्रत्येक खरीद के कार्य की निगरानी करना भी कार्य है।


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