किसानों की बल्ले-बल्ले, 10 हजार के पार हुआ प्रति क्विंटल नरमा का भाव, जानें कहां की मंडी में आया उछाल
सिरसा जिले में कपास की सबसे अधिक खेती की जाती है। जिले में दो लाख आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती होती है। नरमा कपास और रूई (कॉटन) की यहां पर वर्ष 2012-13 में 48 लाख क्विंटल की आवक हुई थी जो अब तक का रिकार्ड है।
सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा में नरमा के रेट में फिर से प्रतिदिन तेजी आनी शुरू हो गई है। नरमा के रेट में वीरवार को 141 का उठाल आते ही दस हजार रुपये पार कर गया। अनाज मंडी में 10001 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका। इससे पहले 21 दिसंबर को नौ हजार रुपये से अधिक रेट में नरमा बिका था। इसके बाद इसमें धीरे धीरे तेजी आती रही। अब पिछले कई दिनों से फिर भाव में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई। हालांकि कपास अभी भी 7600 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। इस बार बारिश व गुलाबी सुंडी के कारण क्षेत्र में नरमा की फसल चौपट हो गई। जिले का नाम देशभर में काटन के उत्पादन में भी प्रदेश में टाप पर है। जिले में कपास की 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर पर बिजाई की जाती है।
अभी कम ही हो रही मंडी में आवक
अनाज मंडी में अभी नरमा की आवक कम ही हो रही है। जिन किसानों ने स्टाक किया हुआ था। वह किसान ही मंडी में नरमा की उपज लेकर पहुंच रहे हैं। इस सीजन के शुरुआत में नरमा के भाव 5700 रुपये प्रति क्विंटल था। इसके बाद नरमा के भाव में बढ़ोतरी होती रही। मंडी में मंगलवार को 9661 रुपये व बुधवार को नरमा 9880 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका था। जो अब बढ़कर 10001 रुपये तक पहुंच गये हैं। गुलाबी सुंडी व बारिश से नरमा की फसल को जिले में 60 से 70 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ है। कृषि विभाग द्वारा फसलों की गिरदावरी भी फसल खराब होने पर की गई।
जिले में दो लाख आठ हेक्टेयर क्षेत्र में होती है बिजाई
सिरसा जिले में कपास की सबसे अधिक खेती की जाती है। जिले में दो लाख आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती होती है। नरमा, कपास और रूई (कॉटन) की यहां पर वर्ष 2012-13 में 48 लाख क्विंटल की आवक हुई थी जो अब तक का रिकार्ड है। हालांकि उसके बाद सिरसा जिले में नरमा कपास उत्पादन में निरंतर गिरावट भी दर्ज हुई है। वर्ष 2011-12 में 37 लाख क्विंटल, 2013-14 में 33 लाख, वर्ष 2014-15 में 24 लाख के करीब आवक हुई थी। जबकि वर्ष 2015-16 में 30 लाख के करीब आवक हुई।