निगम का बजट 66 करोड़, खर्चा 67 करोड़, हाउस टैक्स एकत्रित नहीं हुआ तो वेतन को तरसेंगे कर्मचारी
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम का 66.36 करोड़ रुपये का सालाना बजट 5 अप्रैल को पेश होने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम का 66.36 करोड़ रुपये का सालाना बजट 5 अप्रैल को पेश होने जा रहा है। इसमें हाउस टैक्स इकट्ठा करने में फिसड्डी रहे अधिकारियों के कंधों पर साढ़े 22 करोड़ रुपये की जिम्मेदारी डाली गई है। जबकि यह अधिकारी पिछले साल साढ़े 16 करोड़ रुपये में से मात्र तीन करोड़ की ही रिकवरी कर पाए थे। इस बार भी यह विभाग फेल होता है तो निगम के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पाएगी। क्योंकि कुल बजट में से 46 करोड़ 49 लाख 45 हजार रुपये सैलरी पर खर्च होना है। वहीं, बजट बनाने वाले अधिकारियों ने पार्षदों को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बजट में एमटैक्स (बिजली पर लगने वाला म्युनिसिपल टैक्स) के रूप में दावा किया गया है कि सालाना 7 करोड़ रुपये की इनकम होगी। जबकि सरकार की नई पॉलिसी के अंतर्गत निगम को एमटैक्स से मात्र 50 हजार रुपये का ही मुनाफा होगा। इसके अलावा भी कई अन्य मदों से मुनाफे की बात कही गई है, जो मात्र दिखावा ही नजर आ रहा है। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो निगम की हालत ऐसी है कि शहर में विकास कार्य करवाना तो दूर, वह अपने कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पाएगा।
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तीन करोड़ 80 लाख रुपये की कमाई हुई बंद
- जमीन बिक्री - नगर निगम ने बजट में जमीन बिक्री से डेढ़ करोड़ की बात कहीं है। जो संभव ही नहीं है।
- आरसी टोकन इनकम - दुपहिया, चौपहिया वाहन, भारी वाहनों से मिलने वाली आरसी फीस सरकार ने बंद कर दी है। 15 लाख रुपये प्रतिमाह यानि एक करोड़ 80 लाख रुपये की इनकम होती थी।
- तेल डिपो - तेल डिपो से 50 लाख रुपये की सालाना इनकम तेल डिपो शिफ्ट होने पर बंद हो गई है।
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इन्हें देना होता है मासिक पैसा
. सेक्टर से आए - 123 कर्मचारी
. फायर कर्मचारी - 30 कर्मचारी
. अनुबंध आधार - 88 कर्मचारी
. आउटसोर्सिंग सफाई - 414 कर्मचारी
. रेगुलर सफाई कर्मचारी - 262 कर्मचारी
. निगम ऑफिस अधिकारी व कर्मचारी - 144
. रिटायरमेंट पेंशन - 325 कर्मचारी
. ड्यूटी के दौरान मरने वालों को पैसा - 100 कर्मचारी
. डेली बेस - 6 कर्मचारी
. पंचायत के निगम में शामिल होने वाले कर्मचारी - 14
कुल कर्मचारी और अधिकारियों की सैलरी - 1506
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यहां से आएगा पैसा
- हाउस टैक्स - 22 करोड़ 50 लाख रुपये
- स्टांप ड्यूटी - 18 करोड़ रुपये
- दुकानों से किराया - 1 करोड़ 40 लाख रुपये
- तहबाजारी से प्राप्त जुर्माना - 12 लाख रुपये
- डेंजर्स एंड ऑफेन्सिव ट्रेड - 40 लाख रुपये सालाना।
- ब्याज से प्राप्तियां - सरकार से प्राप्त राशि पर बैंक से मिलने वाला ब्याज साल 2018-19 में 30 लाख रुपये
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इन मदों से आता है निगम के पास राजस्व मिसलेनियस से आने वाला पैसा - 23 करोड़ 63 लाख 91 हजार रुपये
- मिसलेनियस अनक्लासिफाइड - सालाना - 50 लाख रुपये
- रोड कट - 20 लाख रुपये
- लेट फीस - जन्म प्रमाण पत्र व कुत्तों का लाइसेंस - 20 लाख रुपये
- बीए फार्म फीस - भवन शाखा फार्म फीस, टेंडर फीस से 10 लाख रुपये
. एक्साइज ड्यूटी - पांच करोड़ रुपये
. एंट्री टैक्स - 60 लाख रुपये
. ट्रेड लाइसेंस फीस - 90 लाख रुपये
. शहर में नक्शे पास - 15 लाख रुपये
. सिनेमा शो टैक्स - 90 हजार रुपये
. नकल फीस - 20 लाख रुपये
. भूमि बिक्री से प्राप्त आय - दो करोड़ 50 लाख रुपये
. इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी - सात करोड़ रुपये
. अग्निशमन सेवा सर्विस - दो करोड़ रुपये
. अवैध निर्माण समझौता फीस - 50 लाख
. स्लॉटर हाउस - पांच लाख रुपये
. मृत पशुओं से प्राप्त आय - 3 लाख रुपये
. यूजर चार्ज - 40 लाख रुपये
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यहां निगम करेगा पैसा खर्च
विकास कार्य पर - दो करोड़ 60 लाख रुपये
कंटीजेंसी यानि विभागीय खर्च - तीन करोड 33 लाख 20 हजार रुपये
रख रखाव पर खर्च - एक करोड़ 1 लाख रुपये
फुटकर खर्च - 13 करोड़ 95 लाख रुपये
कुल खर्च - 20 करोड़ 86 लाख रुपये
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यह है बजट का निष्कर्ष
कुल बजट - 66 करोड़ 35 लाख 91 हजार रुपये
कुल खर्च होगा - 67 करोड़ 82 लाख रुपये।
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- कोट्स ---
बजट की कॉपी मेरे पास पहुंच गई है। इसमें जो खामियां हैं, उन्हें लेकर बैठक में बातचीत की जाएगी। हाउस टैक्स से जो बड़ी राशि आनी है, उसे लेकर अधिकारियों के साथ मंथन करने के बाद रणनीति बनाएंगे।
- शकुंतला राजलीवाला, मेयर, नगर निगम।