Hisar Coronavirus update: हिसार में धीमी पड़ी कोरोना की दूसरी लहर, 500 बेड का अस्पताल खाली
हिसार में कोरोना के केस कम हो रहे हैं। मई में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिंदल मॉडर्न स्कूल में 500 बेड का अस्पताल स्थापित किया गया था। 300 बेड रिजर्व रखे गए थे। उन 300 बेड की अब तक जरूरत नहीं पड़ी। अब पूरा अस्पताल खाली है।
हिसार, जेएनएन। हिसार में कोरोना की दूसरी लहर थम रही है। जिले में लगातार कोरोना के मामलों से राहत है। इससे शहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण स्थापित किया गया 500 बेड का अस्पताल अब लगभग खाली हो चुका है। शुक्रवार को यहां पर सिर्फ दो ही मरीज उपचाराधीन थे। जिन्हें जल्द ही डिस्चार्ज करने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि मई महीने की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर हिसार में पीक पर थी। उस दौरान प्रतिदिन 1000 से अधिक कोरोना के मामले सामने आने लगे थे। इसके चलते जिले में कोरोना मरीजों के लिए सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर बेड की भारी कमी हो गई थी। इसके चलते कई मरीजों ने तो दम तोड़ दिया था। एक्टिव केस बढ़ने पर जिले में होम आइसोलेशन में अधिक मरीजों का उपचार किया गया। ऑक्सीजन बेड की अधिक जरूरत को समझते हुए प्रशासन ने जिंदल मॉडर्न स्कूल में 500 बेड का अस्पताल स्थापित किया। इसके बाद ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हिसार को राहत मिली। और ऑक्सीजन बेड की कमी दूर हो गई।
रिजर्व रखे 300 बेड की नहीं पड़ी जरूरत
यह भी राहत भरी बात है कि यह अस्पताल स्थापित होते ही कोरोना केस कम होने लगे। शुरुआत में यहां सिर्फ 200 बेड लगाए गए थे। कहा जा रहा था कि अगर मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो रिजर्व रखे गए 300 बेड का भी इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल इसकी जरूरत नहीं पड़ी है। इसके चलते 300 बेड अभी रिजर्व ही रहे हैं। अब अस्पताल लगभग खाली हो चुका है। यहां पर ढाई सौ स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। प्रदेशभर के ईएसआइ केंद्रों से डॉक्टर लैब टेक्नीशियन सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी।
अब तीसरी लहर से जंग की तैयारी
अब कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारी की जा रही है। जिसमें बच्चों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर को तैनात रहने के आदेश मिले हैं। साथ ही संजीवनी अस्पताल के डॉक्टरों का भी सहारा लिया। स्टाफ की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग को इन डॉक्टरों का सहारा मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है ताकि तीसरी लहर से बचाव किया जा सके।
हिसार की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें