Move to Jagran APP

हरियाणा में प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोविड-19 मरीजों का इलाज, जल्‍द ठीक होंगे संक्रमित

अग्रोहा मेडिकल कॉलेज सहित हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगा उपचार। एक लैब लगाने में 40 लाख की आएगी लागत तब तक प्राइवेट लैब से शुरू करवाना होगा इलाज

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 05:55 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 05:55 PM (IST)
हरियाणा में प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोविड-19 मरीजों का इलाज, जल्‍द ठीक होंगे संक्रमित
हरियाणा में प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोविड-19 मरीजों का इलाज, जल्‍द ठीक होंगे संक्रमित

अग्रोहा/हिसार [सुनील सेन] कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए दुनिया के कई देशों में वैक्सीन की खोज की जा रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। कोरोना पर काबू पाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी से देश में इलाज सफल हुआ है। हरियाणा सरकार अब कोरोना के गंभीर मामलों से निपटने को प्लाज्मा थेरेपी का सहारा लेगी। इसके लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को चुना गया है।

loksabha election banner

दस दिन के अंदर इस थेरेपी से इलाज शुरू करवाया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में 40 लाख रुपये की लागत से लैब स्थापित की जाएगी। अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डाक्टर गोपाल ङ्क्षसघल ने बताया कि सोमवार से इस पर काम शुरू करेंगे। प्लाज्मा थेरेपी से स्वस्थ होने की संभावना अधिक बढ़ जाएगी।

क्या है प्लाज्मा थेरेपी

प्लाज्मा थेरेपी में ऐसे लोगों से रक्त लिया जाएगा जो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। कोरोना से ठीक हुए उन्हीं लोगों का सैंपल लिया जाएगा, जिन्हें हाइपरटेंशन, मधुमेह व कोई अन्य बीमारियां नहीं होगी। एक व्यक्ति से 300 से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा लिया जाएगा। ऐसे व्यक्ति के रक्त से प्लाज्मा लेकर नए मरीज को देने पर डोनर के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को न्यूट्रलाइज कर देगी। इस विधि में आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त मशीन से डोनर के शरीर में मौजूद खून से प्लाज्मा बाहर आता है और रेड ब्लड सेल (आरबीसी) व व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) मरीज के शरीर में वापस चले जाते हैं, जिसे प्लाज्मा फेरेसिस कहा जाता है।

पहले भी कारगर हो चुकी है प्लाज्मा थेरेपी

प्लाज्मा थेरेपी को पहले भी कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग में लाया जा चुका है। प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल 2002 में सार्स वायरस से निपटने व 2009 में एच1एन1 इंफेक्शन रोकने और 2014 में इबोला जैसे खतरनाक वायरस को मिटाने के लिए भी किया जा चुका है।

ये होंगे लाभ

प्लाज्मा थेरेपी कराने का सबसे बड़ा लाभ रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है। थेरेपी के बाद संक्रमित की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है जिससे ठीक होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

---मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में कोरोना संक्रमितों का प्लाज्मा थैरेपी से उपचार जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। मशीनों के आयात के ऑर्डर दे दिए हैं। जैसे ही लैब का सेटअप होगा, मेडिकल में प्लाज्मा थेरेपी से उपचार शुरू कर दिया जाएगा।

- डाक्टर गोपाल सिंघल, डायरेक्टर, मेडिकल कॉलेज अग्रोहा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.