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बरोदा उपचुनाव में दिग्‍गज नेताओं के प्रचार की राह रोक रहा कोरोना, जानें कौन कब हुआ पॉजिटिव

बरोदा उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेता सक्रिय हो गए थे। लेकिन कोरोना महामारी ने नेताओं के प्रचार करने के रास्ते रोक दिए। सभी बड़े नेता कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 06:33 PM (IST)
बरोदा उपचुनाव में दिग्‍गज नेताओं के प्रचार की राह रोक रहा कोरोना, जानें कौन कब हुआ पॉजिटिव
बरोदा उपचुनाव में दिग्‍गज नेताओं के प्रचार की राह रोक रहा कोरोना, जानें कौन कब हुआ पॉजिटिव

रोहतक [ओपी वशिष्ठ] बरोदा उपचुनाव को लेकर बेशक चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई, लेकिन नेताओं ने प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक दी। क्षेत्र में चुनावी माहौल बन गया। बरोदा में सभी राजनीतिक दलों के नेता सक्रिय हो गए थे। लेकिन कोरोना महामारी ने नेताओं के प्रचार करने के रास्ते रोक दिए, जिससे अब माहौल फिर से ठंडा पड़ता दिख रहा है। हालांकि क्षेत्र के लोग अब पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग चुके हैं। शुरुआत में तो कोरोना महामारी के चलते बरोदा उपचुनाव को लेकर चर्चा ही नहीं थी।

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लेकिन जैसे ही लॉकडाउन की शर्तों में राहत मिलती गई, नेताओं में चुनावी रंग चढ़ना शुरू हो गया। अनलॉक होने के बाद तो नेताओं ने क्षेत्र में घूमना ही शुरू कर दिया। धीरे-धीरे नेताओं में कार्यक्रमों को लेकर होड़ लग गई। इसी बीच नेता कोरेाना संक्रमित होना शुरू हो गए तो उनकी आंखें खुली, लोगों ने भी नेताओं के  कार्यक्रमों से थोड़ी-बहुत दूरी बनानी शुरू की। धीरे- धीरे सभी बड़े नेता कोरेाना संक्रमित हो गए। अब प्रचार-प्रसार की गति ढीली पड़ गई है।

बता दें कि विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन से अप्रैल माह में बरोदा विधानसभा सीट खाली हो गई थी। सीट खाली होने के बाद छह माह में उपचुनाव कराना होता है। करीब साढ़े चार माह का समय  बीत चुका है। डेढ़ माह बाद 31 अक्टूबर तक चुनाव कराना जरूरी है।

सीएम मनोहर लाल के दौरे के बाद पकड़ी थी रफ्तार

कोरोना महामारी के बाद राहत नियमों में छूट मिली तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बरोदा विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। मुख्यमंत्री के बाद चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई। प्रमुख पार्टियों के भावी उम्मीदवार भी मैदान में उतर गए। लोगों के बीच जाना शुरू किया। जब मुख्यमंत्री क्षेत्र का दौरा कर गए तो फिर विपक्ष कहां पीछे रहने वाला था। कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी क्षेत्र में दस्तक दी और एक के बाद कई कार्यकर्म कर डाले। भाजपा की सहयोगी पार्टी के नेताओं ने भी बरोदा में कार्यक्रम किए। इंडियन नेशनल लोकदल के नेता एवं  विधायक अभय सिंह चौटाला भी मैदान में उतर गए। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रमुख पूर्व सांसद राजकुमार सैनी सहित अन्य दलों के नेता भी क्षेत्र में दौरा  कर चुके हैं।

कोरोना ने इन नेताओं का रोका रास्ता

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद कोरोना संक्रमित हो गए। उनके बाद बरोदा उपचुनाव के  प्रभारी बनाए करनाल से सांसद संजय भाटिया भी कोरोना संक्रमित हो गए। हालांकि उनकी जगह पर कृषि मंत्री जेपी दलाल को चुनाव प्रभारी बनाया। लेकिन वे भी कोरोना संक्रमित हो गए। निर्दलीय विधायक बनने के बाद बिजली एवं जेल मंत्री रणनीति सिंह ने भी बरोदा क्षेत्र में रूख किया। लेकिन वो भी कोरोना संक्रमित हो गए। रविवार को राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी कोरोना संक्रमित हो गए।  हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। लेकिन चिकित्सकों ने उनको फिलहाल एहतियात बरतने की सलाह  दी गई है।

चुनाव नहीं लोगों की जिंदगी ज्यादा जरूरी

बरोदा विधानसभा क्षेत्र के लोग व समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि शासन-प्रशाासन की प्राथमिकता चुनाव नहीं लोगों की जिंदगी होनी चाहिए। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। रोजाना केस बढ़ रहे हैं। इसलिए नेताओं को भी यह देखने की जरूरत है कि वो अपने कार्यक्रमों में कोरोना बचाव को लेकर लागू किए गए नियमों का पालन करें। भीड़ जुटाने की बजाय प्रचार-प्रसार में शारीरिक दूरी और मास्क का इस्तेमाल पर जोर दें। खुद भी पालन करें और अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें।


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