Move to Jagran APP

हिसार में विटामिन सी, पैरासिटामोल व कफ सीरप पी स्वस्थ हुए कोरोना के 118 मरीज

आइसीएमआर व प्रदेश सरकार के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार दी जा रही दवाएं। जिले में 80 फीसद मरीज बिना लक्षण वाले विटामिन सी डी व जिंक की टेबलेट से स्वस्थ होकर घर लौटे

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 02:44 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 02:44 PM (IST)
हिसार में विटामिन सी, पैरासिटामोल व कफ सीरप पी स्वस्थ हुए कोरोना के 118 मरीज
हिसार में विटामिन सी, पैरासिटामोल व कफ सीरप पी स्वस्थ हुए कोरोना के 118 मरीज

हिसार [सुभाष चंद्र] जिले में कोरोना के मामले जहां लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं आधे से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर भी लौट चुके हैं। जिले में वीरवार शाम तक कोरोना के 217 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 118 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर घर भी लौट चुके हैं। यह सब संभव हुआ है डाक्टरों द्वारा उनके उपचार के लिए दिए जाने वाली दवाओं और संतुलित डाइट से। प्रदेश सरकार व भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना मरीजों को उनमें कोरोना संबंधित लक्षणों के आधार पर दवा दी जा रही है।

loksabha election banner

जो जिले के आंकड़ों को देखे तो कारगर भी सिद्ध हो रही है। इसी का नतीजा है कि जिले में कुल कोरोना मरीजों में से आधे से ज्याद मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात एमडी मेडिसिन व फिजिशियन डा. अजय चुघ ने बताया कि अब तक जिले में जितने भी कोरोना के मरीज आए हैं, उनमें 80 फीसद में कोरोना संबंधित लक्षण नहीं मिले हैं। इन मरीजों को ट्रीटमेंट प्रदेश सरकार व आईसीएमआर के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत दिया जा रहा है। वहीं संतुलित डाइट भी दी जा रही है।

मरीजों को ये ट्रीटमेंट दिया जा रहा

बिना लक्षण वाले - इन मरीजों को विटामिन सी, डी व जिंक की दवा दी जा रही हैं, जो आयु के अनुसार अलग-अलग डोज दी जाती है। सामान्यत: विटामिन डी सप्ताह में एक बार, विटामिन सी दिन में दो बार दी जा रही है।

हल्के लक्षण वाले - हल्के लक्षण वाले मरीजों में बुखार है तो पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स दवा दी जा रही है। वहीं निमोनिया के लिए इंजेक्टेबल व ऑरल एंटीबायोटिक दी जाती हैं। खांसी है तो खांसी को रोकने के लिए एंटी एलर्जिक दवा और कफ सीरप के साथ विटामिन, सी, डी व जिंक दवा इन मरीजों को भी दी जाती है।

गंभीर लक्षण वाले - मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90 है तो इसे गंभीर स्थिति मानते हुए अग्रोहा मेडिकल रेफर किया जाता है। वहां मरीजों को आईसीयू में वेंटीलेटर पर भी रखा जाता है। इसके अलावा अगर बीपी, शुगर है तो इन बीमारियों की दवा साथ ही चलाई जाती है।

मरीजों को इस पॉलिसी के तहत किया जा रहा है डिस्चार्ज

बिना लक्षण वाले - इन मरीजों को दस दिन तक किसी तरह के लक्षण ना हो और अंतिम तीन दिन में बुखार ना हुआ हो तो इन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है।

मध्यम लक्षण वाले - अगर तीन दिन में इनका बुखार ठीक हो जाए और ऑक्सीजन  संतृप्ति अथवा लेवल बिना ऑक्सीजन इक्वीपमेंट के ठीक हो तो इन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है।

गंभीर लक्षण वाले - गंभीर लक्षण वाले मरीज चिकित्सकीय दृष्टि से पूरी तरह स्वस्थ हो और आरटीपीसीआर टेस्ट भी नेगेटिव आए तो उन मरीजों को डिस्चार्ज किया जा सकता है।

संतुलित डाइट भी जरूरी

कोरोना मरीजों को उपरोक्त दवाओं के साथ संतुलित डाइट भी दी जा रही है। जिसमें मरीजों को हरी सब्जियां, दाल, दूध नियमित रूप से दिया जाता है, बुजुर्गों में कैल्शियम बढ़ाने के लिए भी दूध का प्रयोग किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.