कोरोना योद्धा डा. रमेश पूनिया के पास अब बाहरी जिलों से निजी अस्पताल बिल कम करवाने के लिए आ रहे फोन
हिसार में पहल के बाद अब जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया द्वारा हिसार में निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों से वसूले गए अधिक रुपए वापस करवाने के मामलों के बाद बाहरी जिलों से भी उनके पास इसी तरह की रिक्वेस्ट आनी शुरु हो गई हैं।
हिसार, जेएनएन। सिविल अस्पताल के जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया द्वारा हिसार में निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों से वसूले गए अधिक रुपए वापस करवाने के मामलों के बाद बाहरी जिलों से भी उनके पास इसी तरह की रिक्वेस्ट आनी शुरु हो गई हैं। डा. रमेश पूनिया ने मंगलवार देर रात फेसबुक पर पोस्ट डाल कर इस बारे में जानकारी दी। डा. रमेश पूनिया ने पोस्ट में बताया कि रोहतक में एक निजी अस्पताल द्वारा कोरोना संक्रमित परिवार से 20 दिनों के 12 लाख रुपए उपचार के नाम पर वसूले गए है। डा. पूनिया ने बताया कि रोहतक से एक पीड़ित ने उनके पास फोन किया कि उनसे अधिक रुपये वसूले गए है, क्या वे रोहतक में भी निजी अस्पताल द्वारा वसूले गए अधिक रुपए वापस करवा सकते हैं। गौरतलब है कि हिसार में डा. रमेश पूनिया ने चार मामलों में निजी अस्पतालों द्वारा उपचार के दौरान वसूले गए अधिक रूप वापस करवाए हैं।
डा. रमेश पूनिया ने पोस्ट डालकर बताया 20 दिन में वसूले 12 लाख रुपये -
डा. रमेश पूनिया ने इंटरनेट मीडिया पर डाली गई पोस्ट में लिखा कि दोस्तों आज दोपहर को रोहतक से एक फोन कॉल अाई। फोन करने वाले हिसार के रहने वाले हैं उन्होंने बताया कि उनके जीजा 27 मई को रोहतक के न्यूरो सेंटर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल मैं एक्सपायर हो गए और उनके घर वालों ने 20 दिन का बिल 12 लाख रुपए दिया है। क्या रोहतक में भी ऐसा कोई है जो आप कि तरह ओवरचार्जिंग वाले पैसे वापस दिलवा सकें। मैंने कहा कहीं भी नहीं है रोहतक कि बात तो छोड़ो। खैर मैंने कहा मैं उपायुक्त रोहतक कैप्टन मनोज से बात करने कि कोशिश करता हूं लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। फिर मैंने माननीय स्वास्थ्य मंत्री के पीए दलबीर लायचा से बात की तो उन्होंने कहा कि आप मंत्री को उनकी इस ईमेल पर anilvijcomplaint@gmail.com ओवर चार्जिंग की डिटेल भेज दो।
स्टेट लेवल की एसआईटी गठित करने की मांग की -
डा. पूनिया ने पोस्ट में लिखा कि दोस्तों जो सरकार ने कोविड-19 के लिए प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए रेट तय किए थे। उससे कहीं ज्यादा अस्पताल वालों ने वसूले हैं। लेकिन शिकायत किसी किसी की होती है मेरी अपील स्वास्थ्य मंत्री से है कि इसके लिए वह एक राज्य स्तर पर एसआईटी का गठन करें और पूरे प्रदेश के सभी जिलों का बकायदा दौरा करें और प्रत्येक अस्पताल का रिकॉर्ड चेक करें, ताकि आम जनता लूटने और पीटने से बच सके। क्योंकि जिला स्तरीय कमेटी अपना कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई।
हिसार में इन चार मामलों मे डा. पूनिया के हस्तक्षेप के बाद पीड़ितों को रुपये वापस किए गए -
--पहला केस -
शहर के एक निजी अस्पताल से 11 मई को पहला ऐसा मामला सामने आया था। उस दौरान दिल्ली के एक दंपत्ति को कोरोना संक्रमित होने पर उपचार के लिए निजी अस्पताल में दाखिल किया गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बिना ऑक्सीजन के सामान्य बेड पर दाखिल कर प्रतिदिन 30 हजार रुपये बेड के वसूल कर करीब 11.20 लाख का बिल दंपत्ति को थमा दिया। डा. पूनिया के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रशासन ने करीब 5.94 लाख रुपये पीड़ित को वापस कर दिए।
------------
दूसरा केस -
दूसरे मामले में शहर के शांति देवी निजी अस्पताल ने कोरोना संक्रमित 55 वर्षीय महिला को ठीक होेने पर छुट्टी देने पर एक लाख 4 हजार रुपये का बिल स्वजनों को थमा दिया। इस मामले में भी डा. पूनिया के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रशासन ने 36 हजार 595 रुपये पीड़ितों को वापस किए।
---------
तीसरा केस -
तीसरे मामले में एक निजी अस्पताल द्वारा मरीज से पांच दिन के एक लाख 85 हजार रुपये वसूले गए। इस मामले में हांसी निवासी रमेश खुराना ने डा. रमेश पूनिया और आईडीएसपी इंचार्ज को मामले की शिकायत दी है। शिकायत में बताया कि उसे बाद में पता लगा कि सरकार ने कोविड के मरीजों के लिए बेड के रेट तय किए हैं। इससे पहले वो अपने पिता के उपचार के लिए एक लाख 85 हजार रुपये अस्पताल को दे चुका था। उस समय उपचार के दौरान 9 अप्रैल को उसके पिता की मौत चुकी है।
---------------
चौथा केस -
चौथा मामला सोमवार को ही सामने आया। इसका खुलासा भी डा. रमेश पूनिया ने किया। हांसी के नॉन कोविड अस्पताल द्वारा मरीज से 3 दिन में 60 हजार वसूले और हिसार के निजी अस्पताल में इसी मरीज से 6 दिन में ढ़ाई लाख रुपये वसूले। डा. पूनिया के मामले में हस्तक्षेप के बाद हिसार के निजी अस्पताल ने पीड़ित परिवार को 80 हजार रुपये लौटाए है।