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कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस लंग्स के पांच हिस्सों को कर रहा डैमेज, पहली लहर में प्रभाव था कम

डबल म्यूटेंट वायरस लंग्स के पांच हिस्सों को बूरी तरह डैमेज कर रहा है यहीं कारण है कि इस वर्ष कोरोना से अधिक मौत के मामले सामने आ रहे है। हिसार में दिसंबर 2020 तक 16947 मामले थे। वहीं इस वर्ष अब तक 21774 कोरोना के मामले सामने आ चुके।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 05:47 PM (IST)
कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस लंग्स के पांच हिस्सों को कर रहा डैमेज, पहली लहर में प्रभाव था कम
कोरोना के डबल म्‍यूटेंट के कारण इस बार खतरा ज्‍यादा बढ़ा हुआ है इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है

हिसार, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में मिल रहा डबल म्यूटेंट वायरस पिछले साल के मुकाबले लंग्स पर ज्यादा असर डाल रहा है। यह डबल म्यूटेंट वायरस लंग्स के पांच हिस्सों को बूरी तरह डैमेज कर रहा है, यहीं कारण है कि इस वर्ष कोरोना से अधिक मौत के मामले सामने आ रहे है। गौरतलब है कि जिले में दिसंबर 2020 तक 16947 मामले थे। वहीं इस वर्ष अब तक 21774 कोरोना के मामले सामने आ चुके है। वहीं कुल मिलाकर जिले में 38721 मामले मिल चुके है।

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वहीं अब तक 29716 स्वस्थ भी हुए है। इस वर्ष अब तक 270 लोग कोरोना से दम तोड़ चुके है, जबकि पिछले वर्ष मार्च से लेकर दिसंबर तक 318 की कोरोना संक्रमित होने पर मौत हो गई थी। इन आंकड़ों को देखने से ही पता लगता है कि कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस कितना अधिक फेफड़ों काे प्रभावित कर रहा है।

जानिए..फेफड़ों का सिटी स्कोर कितना होने पर होता है खतरा -

लक्षण - सिटी स्कोर

हल्का संक्रमण - 8

मध्यम संक्रमण - 8 से 16

अधिक संक्रमण - 16 से उपर

गंभीर स्थिति ...16 से 25

फेफड़ों के पांचों भागों को संक्रमित कर रहा वायरस

सिविल अस्पताल में मेडिसिन इंचार्ज डा. अजय चुघ ने बताया कि इस वर्ष मिल रहा कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस फेफड़ों पर अधिक प्रभाव डाल रहा है। पिछले वर्ष देखने में आया था कि वायरस फेफड़े के एक दो हिस्से को इफेक्ट कर रहा था। लेकिन इस बार यह फेफड़ों के पांचो भाग को डैमेज कर रहा है। फेफड़ों में दाएं फेफड़े के 3 भाग और बाएं के 2 भाग होते है। चिकित्सक पांचों भाग के पॉइंटस 25 मानते है। 25 फीसद से कम डैमेज हो तो एक पॉइंट, 50 फीसद तक डैमेज पर 2 पॉइंट और 75 फीसद पर 4 पाॅइंट तक डैमेज मानते है। इस पद्धति पर फेफड़े कितने डैमेज हुए है। इस बारे में पता लगाकर उनका उपचार शुरु किया जाता है।


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