Corona Vaccine: जिन्हें को-वैक्सीन दी गई उनमें चार गुना बढ़ी एंटीबॉडी, PGI रोहतक में दूसरे चरण के ट्रायल की अनुमति
पीजीआइ रोहतक में पहले चरण में 81 लोगों को वैक्सीन दी गई थी। सभी लोग स्वस्थ हैं। अब यहां दूसरे चरण के ट्रायल को भी मंजूरी मिल गई है।
रोहतक [पुनीत शर्मा]। कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के ट्रायल का पहला चरण सफल होने के बाद अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ ) ने ट्रायल का दूसरा चरण शुरू करने के लिए अनुमति दे दी है। पहले चरण में जिन्हें को-वैक्सीन दी गई, उनमें एंटीबॉडी चार गुना बढ़ी मिली है और सभी स्वस्थ हैं। अब अगले सप्ताह से पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में पंजीकरण कराने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें वैक्सीन दी जाएगी।
पहले चरण में 81 लोगों को वैक्सीन दी गई थी। अब दूसरे चरण के तहत पंजीकृत किए गए 350 लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ 40 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। ट्रायल में शामिल चिकित्सकों की टीम का मानना है कि इस वर्ष के अंत तक देश के लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।
बता दें, डीसीजीआइ देशभर के 12 मेडिकल संस्थानों में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल करा रहा है। पीजीआइएमएस में ट्रायल के लिए फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. सविता वर्मा की अध्यक्षता में कोविड के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. ध्रुव चौधरी और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. रमेश वर्मा को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
डॉ. रमेश वर्मा के मुताबिक जिन्हें वैक्सीन दी गई उनकी एंटीबॉडी की जांच की गई थी। इसके बाद पहली डोज और दूसरी डोज देने के 28 दिन बाद उनकी जांच की गई। इस दौरान वैक्सीन लेने वालों के शरीर में बेस लाइन से फोर फोल्ड राइज (चार गुना) एंटीबॉडी पाई गई। इसे देखते हुए डीसीजीआइ ने दूसरे चरण की अनुमति दे दी है, हालांकि डीसीजीआई ने अधिकारिक रूप से परिणाम जारी नहीं किया है।
को इन्वेस्टीगेटर और स्टेट कोविड नोडल ऑफिसर डॉ. ध्रुव चौधरी का कहना है कि पहले चरण की सफलता के बाद डीसीजीआइ ने दूसरे चरण के ट्रायल के लिए अनुमति दे दी है। सोमवार से ट्रायल के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद स्वयंसेवकों के स्वास्थ्य की जांच कराते हुए वैक्सीन की डोज दी जाएगी।