कोरोना का अस्पताल की ओपीडी पर पड़ने लगा असर, बहादुरगढ़ में होम्योपैथिक विभाग में लटका ताला
बहादुरगढ़ के होम्योपैथिक विभाग में स्टाफ की ड्यूटी कोराेना की गतिविधियाें में लगाए जाने से यहां पर ओपीडी अब बंद है। यह कब तक खुलेगी। अभी तय नहीं है। इससे मरीज परेशान है। हालांकि एलोपैथिक विभाग में अभी काेई ओपीडी बंद नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कोरोना का अब सिविल अस्पताल की ओपीडी पर असर पड़ने लगा है। बहादुरगढ़ के होम्योपैथिक विभाग में स्टाफ की ड्यूटी कोराेना की गतिविधियाें में लगाए जाने से यहां पर ओपीडी अब बंद है। यह कब तक खुलेगी। अभी तय नहीं है। इससे मरीज परेशान है। हालांकि एलोपैथिक विभाग में अभी काेई ओपीडी बंद नहीं हुई है। फिलहाल आपरेशन भी हो रहे हैं, लेकिन कोरोना के केस अभी कम नहीं हो रहे। सोमवार को तो झज्जर जिले में कोरोना से एक मौत भी रिपोर्ट हुई है।
पूरे जिले में 144 नए केस मिले। अभी 746 केस सक्रिय हैं। इनमें से 27 मरीज तो अस्पताल में भर्ती हैं। बाकी सभी होम आइसोलेशन में हैं। दरअसल, जो मरीज होम आइसोलेशन में हैं, उनकी भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानिटरिंग करनी होती है। इसी को लेकर होम्योपैथिक विभाग में कार्यरत स्टाफ की ड्यृटी लगाई गई है। मगर इससे दूसरी तरफ दिक्कत यह हो रही है कि जिन मरीजों का इस विभाग से इलाज चल रहा था। वह अब बीच में लटक गया है। तीन दिनों से यहां पर ओपीडी बंद है।
संबंधित कक्ष के गेट पर ताला लटका रहा है। इसके बाहर एक नोटिस तो लगाया गया है कि ओपीडी बंद रहेगी, मगर यह कब तक रहेगा। इस पर अभी कुछ साफ नहीं है। माना जा रहा है कि जब ऊपर से ड्यूटी बदली जाएगी तभी यह ओपीडी खुलेगी। होम्योपैथिक विभाग से इलाज करवा रहे अजय ने बताया कि उसे कई महीनों से सिर में स्किन इंफेक्शन की दिक्कत है।
कई जगह प्राइवेट अस्पताल में उसने इलाज कराया, मगर कुछ असर नहीं हुआ। अब एक महीने से सिविल अस्पतालं से दवा ले रहे हैं। इससे उन्हें कुछ आराम लगा है। यह उम्मीद बंधी है कि यहां की दवा से उनकी दिक्कत दूर हो सकेगी। मगर कई दिनों से ओपीडी बंद है। ऐसे में उन्हें दवा के लिए परेशानी आ रही है। यही दिक्कत अन्य मरीजों की भी है। यदि बीच में इलाज छूट जाता है तो फिर अब तक जो दवा ली है, उसका भी असर नहीं रहेगा।