Move to Jagran APP

हिसार में कुल आबादी के 34 फीसद लोगों की हो चुकी कोरोना जांच, सिर्फ दो फीसद हुए संक्रमित

कोरोना सैंपल की टेस्टिंग की संख्या सात लाख के करीब पहुंच गई है। हिसार में करीब 20 लाख की आबादी है। अप्रैल 2020 में हिसार में सैंपलो की टेस्टिंग शुरू होने के बाद जिले की कुल आबादी के 34 फीसद लोगों के सेंपलो की टेस्टिंग करवाई जा चुकी है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 08:48 AM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 08:48 AM (IST)
हिसार में कुल आबादी के 34 फीसद लोगों की हो चुकी कोरोना जांच, सिर्फ दो फीसद हुए संक्रमित
हिसार में कोरोना संक्रमण की दर बेहद कम हो चली है

जागरण संवाददाता, हिसार। जिले में कोरोना सैंपल की टेस्टिंग की संख्या सात लाख के करीब पहुंच गई है। हिसार में करीब 20 लाख की आबादी है। अप्रैल 2020 में हिसार में सैंपलो की टेस्टिंग शुरू होने के बाद जिले की कुल आबादी के 34 फीसद लोगों के सेंपलो की टेस्टिंग करवाई जा चुकी है। इनमें कुल आबादी के महज दो फीसद ही संक्रमित हुए है। जिले में कुल 694495 सैंपल की जांच की गई है। जिनमें से 633954 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव रही हैं। हिसार में कोरोना सैंपल की जांच के लिए शुरुआत में कोई लैब नहीं थी।

loksabha election banner

हिसार में 31 मार्च 2020 को पहला कोरोना का केस मिला था। लेकिन उस दौरान रोहतक और पंचकूला की बायोलोजी लैब से सैंपल की जांच करवाई जाती थी। लेकिन उस समय रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से 10 दिन तक लग जाते थे, ऐसे में मरीज का कोरोना का उपचार शुरू नहीं हो पाता था। रिपोर्ट आती तब तक तो मरीज भी स्वस्थ हो जाता था। हिसार में कोरोना केस बढ़ने पर सैंपल की जांच के लिए लैब की जरूरत महसूस हुई तो सरकार ने अग्रोहा मेडिकल में लैब शुरू करने की बात कहीं। लेकिन इसी बीच शहर की राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की लैब ने कोरोना सैंपल की जांच करने की इच्छा जताई। सरकार ने अनुमति दी तो राष्ट्रीय अनुसंधान में कोरोना सैंपल की जांच शुरू की गई और रिपोर्ट्स सही आने पर यहां सुचारू रूप से सैंपलिंग की गई।

जिससे स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट सेम डे मिलने लगी। इससे स्वास्थ्य विभाग को भी सुविधा मिली और कोरोना मरीजों का उपचार जल्द शुरू हो पाया। जिससे अधिक से अधिक सैंपल करवा कर उनकी जांच करवाई गई और पोजिटिव मिले मरीजों का उपचार शुरू किया गया। हिसार में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान की लैब ने कोरोना सैंपल की जांच में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन लगातार सैंपल करने से यहां होने वाला रिसर्च कार्य प्रभावित हो रहा था। अश्व अनुसंधान ने 31 जून के बाद कोरोना सैंपल की जांच बंद कर दी।

जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग को सभी सैंपल की जांच अग्रोहा मेडिकल की लैब से करवानी पड़ रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अब अपनी खुद की लैब स्थापित कर रहा है। सेक्टर 14 के अर्बन हेल्थ सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की खुद की लैब तैयार की जा रही है जल्द ही यहां पर आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए मशीन मंगवा कर सैंपल की जांच की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.