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कोरोना संक्रमण घटा तो सिरसा जिले में फिर पटरी पर लौटने लगी स्वास्थ्य सेवाएं, लोगों को मिली राहत

सिरसा जिले में वर्तमान में 389 एक्टिव केस है। एक समय था जब एक्टिव संक्रमितों का आंकड़ा ही 1500 के पार था। सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में भी न तो बेड्स थे और न ही आक्सीजन सिलेंडर। परंतु धीरे धीरे स्थिति में सुधार हुआ।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 08:46 AM (IST)
कोरोना संक्रमण घटा तो सिरसा जिले में फिर पटरी पर लौटने लगी स्वास्थ्य सेवाएं, लोगों को मिली राहत
सिरसा जिले में वर्तमान में कोरोना के 389 एक्टिव केस हैं, हालात सुधर रहे हैं

सिरसा, जेएनएन। सिरसा में जून महीने में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। रिकवरी रेट बढ़कर 97 फीसद तक पहुंच गया है। संक्रमण कम होने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं फिर से पटरी पर लौटने लगी है। नागरिक अस्पतालों में सामान्य ओपीडी शुरू हो गई है। जल्द ही इलेक्टिव आप्रेशन भी शुरू होने के आसार है। नागरिक अस्पताल में 10 बेड्स का आइसीयू बन कर तैयार हो चुका है। संभावना है कि इसी सप्ताह इसका उद्घाटन हो जाएगा। आइसीयू शुरू होने के बाद अति गंभीर मरीजों के इलाज की यहीं व्यवस्था हो सकेगी और उन्हें रेफर नहीं करना पड़ेगा।

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डबवाली का आक्सीजन प्लांट शुरू, सिरसा में भी निर्माण जोरों पर

रविवार को बिजलीमंत्री चौ. रणजीत सिंह ने डबवाली के आक्सीजन प्लांट का आनलाइन उद्घाटन किया। सिरसा के नागरिक अस्पताल में भी एक हजार लीटर क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा ऐलनाबाद अस्पताल में भी प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले की सभी सीएचसी में भी बेड्स को आक्सीजन पाइप से जोड़ा जाएगा ताकि संक्रमण की तीसरी लहर आए तो संक्रमितों का वहीं इलाज हो सके।

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नवजात व छोटे बच्चों को संक्रमण से बचाने पर जोर

कोरोना की तीसरी संभावित लहर के अंदेशे के चलते हुए नवजात व छोटे बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जोर दे रहा है। नागरिक अस्पताल में निकू वार्ड में नवजात शिशुओं के लिए अलग से बेड्स आरक्षित किए गए है। इसके साथ ही छोटी उम्र के बच्चों के लिए 25 बेड्स का वार्ड बनाया गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि अगर तीसरी लहर आती है तो उसमें संक्रमण का अधिक खतरा बच्चों को रहेगा, जिसके चलते विभाग पहले से ही प्रबंधों में लगा हुआ है। शहर के छह निजी अस्पतालों को भी छोटे बच्चों को इलाज के लिए चिन्हित किया गया है।

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जिले में वर्तमान में 389 एक्टिव केस है। एक समय था जब एक्टिव संक्रमितों का आंकड़ा ही 1500 के पार था। सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में भी न तो बेड्स थे और न ही आक्सीजन सिलेंडर। परंतु धीरे धीरे स्थिति में सुधार हुआ। अब अस्पतालों में सिर्फ 69 मरीज है। इनमें से 36 सरकारी में तथा 33 निजी अस्पतालों में भर्ती है। नए मरीज भी सीमित संख्या में मिल रहे हैं और ठीक होने वालों का आंकड़ा करीब करीब दोगुना है। संभावना है कि जून महीने के अंत तक संक्रमण पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा।


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