corona Effect : डेढ़ महीने बाद पर्यटक फिर कर सकेंगे हिसार जिले के ऐतिहासिक स्मारकों का दीदार
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 16 मई को एएसआई ने देश के सभी ऐतिहासिक स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद किया गया था। जिसके बाद पर्यटक के अलावा शोधार्थी छात्र व फोटोग्राफरी के शौकीन इन साइट्स पर नहीं जाने से निराश थे। लेकिन अब कोरोना संक्रमण घटने पर फिर खुले हैं
हिसार/हांसी, जेएनएन। हिसार जिले के ऐतिहासिक स्माकर फिर से पर्यटकों से गुलजार होंगे। भारतीय पुरातत्व संर्वेक्षण विभाग ने कोरोना संक्रमण घटने के बाद बुधवार से पर्यटकों के लिए सभी स्मारकों के द्वार खोल दिए हैं। हिसार जिले के 7 स्मारक एएसआई की सूची में शामिल हैं। करीब डेढ़ महीने बाद पर्यटक कोरोना नियमों का पालन करते हुए गुजरी महल, लाट की मस्जिद, हांसी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के अलावा राखीगढ़ी में स्थित हड़प्पाकालीन साइट देख सकेंगे।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 16 मई को एएसआई ने देश के सभी ऐतिहासिक स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद किया गया था। जिसके बाद पर्यटक के अलावा शोधार्थी, छात्र व फोटोग्राफरी के शौकीन इन साइट्स पर नहीं जाने से निराश थे। लेकिन अब कोरोना संक्रमण घटने पर केन्द्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ट्वीटर पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि एएसआई ने सभी स्मारकों को विधिवत खोलने की स्वीकृति दे दी है। पर्यटक कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्मारकों का भ्रमण कर सकते हैं। देशभर में स्थित 3693 स्मारक और 50 संग्रहालय खुल गए हैं।
स्मारक बंद होने से शोधार्थी व फोटोग्राफर से परेशान
जिले के ऐतिहासिक स्मारकों पर बाहर से पर्यटक फोटोग्राफी करने व शोध के लिए भी आते हैं। काफी महीनों से स्मारक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी शोधार्थियों को होगी जो इन स्मारकों पर शोध कार्य कर रहे हैं। राखीगढ़ी में स्थित हड़प्पाकालीन टीलों पर भी शोधार्थी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आते रहते हैं। स्मारकों के खुलने से पर्यटकों यहां घूमने आ सकेंगे।
हिसार में केंद्रीय संरक्षित ऐतिहासिक स्मारक
-पृथ्वी राज चौहान किला, हांसी
-अग्रोहा का टीला, अग्रोहा
-गुजरी महल, हिसार
-लाट की मस्जिद, हिसार
-राखी गढ़ी के हड़प्पाकालीन टीले, नारनौंद
-फिरोज शाह पैलेस, हिसार
-ऐतिहासिक बड़सी गेट, हांसी
फोटो कैप्शन हांसी का ऐतिहासिक किला। - जागरण आर्काइव