हिसार में कुल मामलों के शहरी एरिया में 59 फीसद और ग्रामीण एरिया में 41 फीसद संक्रमित मिले
मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना के कुल 45471 मामले मिल चुके है। इनमें से 59 फीसद मामले शहरी एरिया में मिले है। जबकि 41 फीसद मामले ग्रामीण एरिया में मिले है। ग्रामीण एरिया में बढ़ते मामलों को देख ग्रामीण एरिया में सैंपलिंग शुरु कर दी गई
हिसार, जेएनएन। हिसार जिले में मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना के कुल 45471 मामले मिल चुके है। इनमें से 59 फीसद मामले शहरी एरिया में मिले है। जबकि 41 फीसद मामले ग्रामीण एरिया में मिले है। ग्रामीण एरिया में बढ़ते मामलों को देख जिला प्रशासन के आदेशों पर एसडीएम के अंतर्गत टीमें बनाकर ग्रामीण एरिया में सैंपलिंग शुरु कर दी गई है। करीब 4500 सैंपल शुक्रवार को ब्लॉक वाइज लिए गए है। जिले में सीएचसी के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण एरिया को देखे तो सर्वाधिक कोरोना के मामले सीएचसी बरवाला एरिया में मिले है।
यहां कुल मामलों के 6.6 फीसद मामले मिले है, इसके बाद हांसी में 5.3, सीएचसी सीसवाल में 5.1, सीएचसी आर्य नगर में 4.5 फीसद कोरोना संक्रमित मिले है। शुक्रवार को मिले आंकड़ों पर गौर करें तो सीएचसी सीसवाल में सर्वाधिक 150 मामले मिले है। जबकि सीएचसी बरवाला के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में 115, सीएचसी सोरखी के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में 75 कोरोना संक्रमित मिले है।
जानिए...किस सीएचसी में कितने कोरोना संक्रमित मिले
स्वास्थ्य केंद्र ..कुल मामले. फीसद
एसडीएच आदमपुर - 820 - 1.8
सीएसी आर्य नगर - 2042 - 4.5
सीएचसी बरवाला - 2991 - 6.6
सीएचसी मंगाली - 1995 - 4.4
सीएचसी नारनौंद - 1480 - 3.3
सीएचसी सिसाय - 1188 - 2.6
सीएचसी सीसवाल - 2306 -5.1
सीएचसी सोरखी - 1978 - 4.4
सीएचसी उकलाना - 1429 -3.1
अर्बन हांसी - 2390 - 5.3
अर्बन हिसार - 26832 - 59.0
प्रतिदिन सर्वे कर की जा रही सैंपलिंग
जिले में ग्रामीण एरिया में बढ़ते कोरोना के मामलों को कम करने के लिए प्रत्येक गांव में आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर और एक शिक्षक सहित ग्राम सचिव की टीम बनाई गई है। यह टीमें संबंधित गांव में घर-घर जाकर प्रत्येक सदस्य में कोरोना संबंधित लक्षणों की जांच करेंगे, साथ ही प्रत्येक सदस्य का प्रपत्र भरवाया जाएगा। जिसमें प्रत्येक सदस्य का नाम, उम्र, आधार नंबर और कोरोना संबंधित लक्षणों के बारे में लिखा जाएगा। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की सैंपलिंग टीम को साथ-साथ दी जाएगी। जिसके बाद सैंपलिंग टीम कोरोना संभावित लक्षणों वाले लोगों के सैंपल करेगी। जिससे गांवों में वास्तविक कोरोना संक्रमितों का पता लग सकेगा।