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सिरसा में हरियाली से महका रहा डा. मुनीष सहारण के घर का कोना कोना, भरपूर है ऑक्‍सीजन

डा. मुनीष सहारण ने बताया कि उनके परिवार को गार्डनिंग का शौक है। घर में अंदर बाहर सभी जगह पौधे लगे हुए है। शायद ही ऐसी जगह हो जहां पौधे नहीं है। इसके बावजूद कोई माली नहीं रखा है खुद ही पौधों की कटाई छंटाई व संभाल करते है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 03:58 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 03:58 PM (IST)
सिरसा में हरियाली से महका रहा डा. मुनीष सहारण के घर का कोना कोना, भरपूर है ऑक्‍सीजन
चिकित्सक दंपती डा. मुनीष सहारण व डा. हरप्रीत कौर सहारण ने घर का कोना कोना हरियाली से महका रहा है

सिरसा, जेएनएन। ऐलनाबाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का सेक्टर आर थ्री, यूं तो हरा भरा है परंतु यहां स्थित एक कोठी की हरियाली मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। चिकित्सक दंपती डा. मुनीष सहारण व डा. हरप्रीत कौर सहारण ने घर का कोना कोना हरियाली से महका रहा है। शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद मकान में तरह तरह के फलदार, फूलदार व सजावटी पौधे लगे हैं। हरियाली व सुंदर वातावरण के चलते हर समय घर में अनेक तरह के पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती रहती है।

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डा. मुनीष सहारण ने बताया कि उनके परिवार को गार्डनिंग का शौक है। घर में अंदर बाहर सभी जगह पौधे लगे हुए है। शायद ही ऐसी जगह हो, जहां पौधे नहीं है। इसके बावजूद कोई माली नहीं रखा है, खुद ही पौधों की कटाई, छंटाई व संभाल करते है। स्वयं किसान परिवार से संबंध रखते हैं इसलिए पौधों की देखभाल का अच्छा अनुभव है। उन्होंने बताया कि उनके घर में अनार, अमरूद, किन्नू, नींबू सहित अनेक तरह के फलदार पौधे है। इसके अलावा गुलाब, चमेली, बिल्यमबेलिया, हिमाचली कनेर, एलोवेररा, बेंबू, बिच्छू बूंटी इत्यादि सजावटी पौधे है। उनके पास कैक्टस की 30 से अधिक तरह की वेरायटिज है। घर में सभी जगह का सदुपयोग किया गया है यहां तक की पार्किंग में भी पौधे लगा रखे हैं।

----पौधाें के प्रति अपनी रूचि के बारे में बताते हुए डा. सहारण ने बताया कि वे परिवार सहित देश के अलग अलग भागों में जाते रहते हैं। जहां भी जाते हैं वहां से यादगारी के तौर पर वहां के स्पेशल पौधे ले आते है। इसके अलावा अपने घर में आने वाले मेहमानों को भी गिफ्ट के रूप में पौधे देना उन्हें अच्छा लगता है। उनके घर में लगे पौधों को देखकर आसपास के लोग उनसे पूछने आते है। उन्होंने बताया कि सुबह सवेरे पौधों के साथ दिन की शुरूआत करते हैं, दिन भर तरोताजा रहते हैं और शाम को क्लिनिक से लौटकर जब कुछ समय पौधों के साथ बिताते हैं तो पूरे दिन की थकान उतर जाती है।


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