हिसार की लुवास के नए कुलपति की नियुक्ति पर उठा विवाद, आइसीएआर डीडीजी ने दर्ज कराई आपत्ति
विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर जब भी नियुक्ति होती तो अब एक बोर्ड की बैठक आयोजित की जाती है। जिसमें अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी करते हैं तो सचिव के तौर पर विवि के रजिस्ट्रार व बोर्ड के अन्य सदस्य होते हैं। इस मामले में शिकायत चीफ सेक्रेटरी से की गई है।
हिसार, जागरण संवाददाता। बाेर्ड मीटिंग के बाद वीरवार को लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में फार्माकोलाजी विभाग के हैड डा. विनोद कुमार वर्मा के कुलपति बनाने पर निर्णय ले लिया गया। आधिकारिक घोषणा के बाद शुक्रवार को डा. विनोद ने कुलपति पद पर चार्ज भी ले लिया। मगर अब इस नियुक्ति पर नया विवाद सामने आया है। देर सायं एक ई-मेल क स्क्रीन शाट वायरल हो गया। जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदशेक पशु प्रभाग डा. बीएन त्रिपाठी ने इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए आपत्ति दर्ज की है।
कहा बोर्ड मैंबर्स के तौर पर मुझे सुना नहीं गया, मेरा माइक भी बंद कर दिया गया
वायरल मेल पर गौर करें तो डा त्रिपाठी इसमें चीफ सेक्रेटरी को ईमेल करते हुए बता रहे हैं कि 20 जनवरी को बोर्ड की 28वीं बैठक में कुछ ठीक नहीं हुआ। कुलपति की नियुक्ति से जुड़े मामले में उनकी बात नहीं सुनी गई। उनसे कोई चर्चा भी नहीं की गई और यहां तक कि आनलाइन माध्यम से हुई इस बैठक में उनका माइक भी बैठक आयोजन कर्ता ने म्यूट किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस निर्णय में उनका पक्ष ही नहीं लिया गया। जबकि कुलपति के नाम पर मोहर सभी बोर्ड सदस्यों के हस्ताक्षर करने के बाद ही लगती है।
ई-मेल में कड़ शब्दों में उठाई आपत्ति
इस ई-मेल में डा बीएन त्रिपाठी बता रहे हैं कि कोविड को देखते हुए बाेर्ड की बैठक आनलाइन हुई। जिसमें बतौर बोर्ड मैंबर वह भी जुड़े। बोर्ड की बैठक का जो एजेंडा मिला उसके आधार पर कुलपति के पद पर 21 आवेदकों की सूची उन्हें मिली मगर उनके नाम के अलावा उन्हें आवेदकों का बायोडाटा नहीं दिया गया। जबकि बोर्ड के सदस्यों को यह दिया जाना चाहिए था। इसके साथ ही इसमें किसी प्रकार की स्क्रीनिंग का कार्य भी नहीं दिखा। बैठक काफी छोटी थी। उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं कि दूसरे सदस्याें ने अपने विचार रखे या नहीं मगर मेरे विचार मुझे रखने नहीं दिया गया।
क्या होती है बोर्ड की बैठक
दरअसल विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर जब भी नियुक्ति होती तो अब एक बोर्ड की बैठक आयोजित की जाती है। जिसमें अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी करते हैं तो सचिव के तौर पर विवि के रजिस्ट्रार व बोर्ड के अन्य सदस्य होते हैं। इस मामले में शिकायत चीफ सेक्रेटरी से की गई है मगर ई-मेल के साथ में रजिस्ट्रार, एसीएस फाइनेंस आदि को कई गई है। इस मामले की सत्यता जानने के लिए जब डीडीजी डा बीएन त्रिपाठी से फोन पर संपर्क किया गाय तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।