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हिसार सिविल अस्पताल में सामान्य दिनों में होती थी 10 सिलेंडर की खपत, अब प्रतिदिन 100 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड

सामान्य दिनों में 8 से 10 सिलेंडर की खपत सिविल अस्पताल में होती थी। वहीं बीते पांच दिनों में कोरोना के मामले अधिक मिले है। जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत 90 फीसद तक बढ़ गई है। अब प्रतिदिन 90 बड़े और 10 छोटे सिलेंडर की खपत सिविल अस्पताल में है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 05:27 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 05:27 PM (IST)
हिसार सिविल अस्पताल में सामान्य दिनों में होती थी 10 सिलेंडर की खपत, अब प्रतिदिन 100 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड
हिसार के अस्पतालों मे एक दिन में कोरोना से 14 मौत हो चुकी है। ऑक्‍सीजन की भारी मांग है

हिसार [सुभाष चंद्र] कोरोना का डबल म्यूट्रेन संक्रमण का अधिक असर दिखा रहा है। इस वर्ष कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है। उनमें अधिकतर लोगों के फेफड़ों पर ज्यादा असर देखा गया है। सीटी स्कैन में 50 फीसद फेफड़े डैमेज सामने आ रहे है। जबकि पिछले वर्ष इतना अधिक असर नजर नहीं आया था। अबकि बार युवा वर्ग अधिक संक्रमित हो रहा है। चिकित्सक मानते है इसका एक कारण युवा वर्ग की वैक्सीनेशन ना होना भी हो सकता है। बढ़ते कोरोना केसों के कारण सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ गई है। सामान्य दिनों में जहां 8 से 10 सिलेंडर की खपत सिविल अस्पताल में होती थी। वहीं बीते पांच दिनों में कोरोना के मामले अधिक मिले है। जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत 90 फीसद तक बढ़ गई है।

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अब प्रतिदिन 90 बड़े और 10 छोटे सिलेंडर की खपत सिविल अस्पताल में हो रही है। सिविल अस्पताल के ऑक्सीजन मैनीफॉल्ट प्लांट में दो बार सप्लाई होने लगी है। सुबह के समय करीब 60 सिलेंडर तो शाम करीब इतने ही सिलेंडर शाम को मंगवाए जा रहे है। हालांकि सिविल अस्पताल में अभी ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। लेकिन मेडिकलों पर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन में अब 44 मरीज है। इनमें वेंटीलेटर पर 4 है तो ऑक्सीजन पर 16 मरीज है। जिससे ऑक्सीजन की खपत लगातार हो रही है। आलम यह है कि मरीजों को बैड उपलब्ध नहीं हाे रहे है।

चिकित्सक बोले - 15 दिन करेंगे ये काम तो हो सकती है होगी संक्रमण में कमी -

- जरुरी काम हो तभी घर से बाहर निकले।

- वैक्सीन जरुर लगवाए

- मास्क का नियमित इस्तेमाल करें।

- बार-बार सैनिटाइजर हाथों पर लगाए।

- भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए जीजेयू में बनाया वॉर रूम -

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से संक्रमितों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए जीजेयू की आईटी लैब में वॉर रूम स्थापित किया गया है। यहां करीब 25 लोागें का स्टाफ बैठेगा जो संक्रमितों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और डाटा एंट्री का काम करेंगे। साथ ही विभाग को सैंपलिंग व कोरोना संबंधित कार्यो के लिए 15 गाड़ियां उपलब्ध करवाने का पत्र मिला। साथ ही शिक्षा विभाग की तरफ से स्टाफ उपलब्ध करवाया गया है।

आरोग्य सेतू एप की मॉनिटरिंग दोबारा शुरु -

इधर स्वास्थ्य विभाग आरोग्य सेतू एप की मॉनिटरिंग फिर से शुरु कर रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि आरोग्य सेतू एप की मॉनिटरिंग दोबारा शुरु की गई है ताकि हाई रिस्क एरिया को पहचानकर संभावित लोागों के सैंपल करवाए जा सकें।

सैंपलिंग बढ़ाने पर चल रहा काम -

इधर विभाग की तरफ से लगातार सैंपलिंग बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। विभाग को 15 हजार प्रतिदिन सैंपल करने का टारगेट मिला है। लेकिन अभी 2 से 2500 सैंपल प्रतिदिन हो रहे है। मैनपावर और संसाधनों की कमी के चलते आईडीएसपी इंचार्ज डा. अनामिका बिश्नोई ने डिमांड भेजी थी, जिसके बाद दूसरे विभागों से मैनपावर और गाड़ियां विभाग को मिलनी शुरु हो गई है। इनसे हाई रिस्क एरिया में सैंपलिंग बढ़ाई जाएगी। वहीं मरीजों के लिए बैड की संख्या बढ़ाई गई है।


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