पंजाब से आंदोलनकारियों की आवाजाही ने बढ़ाई चिंता, बहादुरगढ़ में 20 फीसद बढ़ी काेरोना की पॉजिटिव दर
बहादुरगढ़ में चिंता इसलिए भी ज्यादा है कि यहां पर हजारों आंदोलनकारियों का रोजाना पंजाब से आना-जाना हो रहा है। वहां पर कोरोना संक्रमण ज्यादा फैला हुआ है। ऐसे में वहां से आने-जाने वाले किसान कोरोना कैरियर न बन जाए।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना की बढ़ती रफ्तार अब चिंता में डाल रही है। बहादुरगढ़ में चिंता इसलिए भी ज्यादा है कि यहां पर हजारों आंदोलनकारियों का रोजाना पंजाब से आना-जाना हो रहा है। वहां पर कोरोना संक्रमण ज्यादा फैला हुआ है। ऐसे में वहां से आने-जाने वाले किसान कोरोना कैरियर न बन जाए। असली दिक्कत तो यह है कि ये आंदोलनकारी न तो कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं और न ही वैक्सीन लगवा रहे हैं। ऐसे में यह तो पता ही नहीं चल पा रहा है कि इनमें से कोई कोरोना संक्रमित है या नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत से संक्रमित ऐसे होते हैं कि जिनमें लक्षण नहीं दिखते। ऐसे में उन्हें बिना टेस्ट यह पता नहीं चल पाता कि वे संक्रमित हैं या नही, लेकिन यदि वे संक्रमित है और कोई लक्षण नहीं तो भले ही वे जल्द ठीक हो जाए, लेकिन वे कोरोना कैरियर जरूर बन जाते हैं। वे इस महामारी को दूसराें तक फैला सकते हैं। यदि समय पर टेस्ट करवा लिया जाए तो कम से इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
यह है स्थिति
महीना भर पहले तक बहादुरगढ़ में अगर रोजाना 200 से अधिक भी टेस्ट हो रहे थे तो उनमें से एक भी केस पॉजीटिव नहीं निकल रहा था। मगर अब हालात बदल गए हैं। तीन अप्रैल को बहादुरगढ़ में जो कोरोना पॉजिटिव दर नौ फीसद थी वह चार अप्रैल को यहां पर 20 फीसद तक पहुंच गई। इस दिन बहादुरगढ़ में 70 टेस्ट किए जिसमें से 14 पॉजिटिव पाए गए। बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल के पीएमओ डा. प्रदीप शर्मा का कहना है कि मौजूदा हालात में मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाना, हाथों को साफ रखना तो है लेकिन जो लाभार्थी की श्रेणी में आते हैं उन्हें वैक्सीन भी लगवानी है।