ऑनलाइन परीक्षा की शर्तों से गुस्साए कॉलेज छात्रों ने जीजेयू गेट पर किया प्रदर्शन, बुलानी पड़ी पुलिस
गाइडलाइन में कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन परीक्षाओं पर यह शर्त रखी दी कि जो विद्यार्थी कोरोना संक्रमित है या क्वारंटाइन में जाने की संभावना है उन विद्यार्थियों की ही ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी। इस बात का गुस्सा छात्रों में था
हिसार, जेएनएन। ऑनलाइन परीक्षा की गाइडलाइन से गुस्साए शहर के कॉलेजो के विद्यार्थियों ने बुधवार सुबह 9 से 12.30 बजे तक गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के सामने जोरदार रोष प्रदर्शन किया। सूचना पाकर सिटी थाना एसएचओ कप्तान सिंह सहित भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। इस दौरान छात्रों ने गेट बंद करने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी हुई। पुलिस ने उन्हें समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन छात्र अपनी बात पर अड़े रहे और कुलपति के आश्वास के बाद ही धरने से उठने को तैयार हुए।
मौके पर मौजूद जाट कॉलेज से छात्र नेता मनोज सिवाच ने बताया कि विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों की 22 फरवरी को संयुक्त गाइडललाइन जारी की थी। लेकिन इसके बाद 18 मार्च को कॉलेजों के प्रिंसिपल की बैठक बुलाकर दोबारा ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी की। जिसमें काॅलेजों और विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग गाइडलाइन जारी कर दी। इस गाइडलाइन में कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन परीक्षाओं पर यह शर्त रखी दी कि जो विद्यार्थी कोरोना संक्रमित है या क्वारंटाइन में जाने की संभावना है, उन विद्यार्थियों की ही ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी। इस बात का गुस्सा छात्रों में था, जिसके चलते बुधवार सुबह शहर के विभिन्न कॉलेजों के 500 से अधिक छात्रों ने जीजेयू के गेट के बाहर धरना दिया और विवि प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।
छात्रों का गुस्सा शांत ना हाेते देख मौके पर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को कुलपति ने बुलाया। उस दौरान छात्र नेता मनोज सिवाच और अन्य छात्रों के सामने कुलपति ने छात्रों की मांग स्वीकार करते हुए ऑनलाइ परीक्षाओं के लिए एक पत्र जारी किया। जिसमें लिखा कि ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए प्रत्येक छात्र को एक आवेदन फार्म भरना होगा। इसमें छात्र को ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए स्पष्ट कारण बताना होगा।
आवेदन 27 मार्च तक जमा होंगे। इसके बाद 30 मार्च को ऑनलाइन परीक्षा के लिए चयनित छात्रों की लिस्ट लगाई जाएगी। रिजेक्ट किए गए आवेदनों को दोबारा 2 अप्रैल तक स्पष्ट कारण के साथ भरा जा सकता है। वहीं विवि ने रि-इवाल्यूशन के लिए 60 दिनों में परिणाम जारी करने का पत्र भी जारी किया।