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शीतलहर से कांपा हरियाणा, जम गया हिसार, तापमान माइनस 1 डिग्री पर पहुंचा

हरियाणा में शीतलहर ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है। लगातार तापमान में गिरावट आने से कड़ाके की ठंड पर रही है। तापमान माइनस एक डिग्री पर पहुंच जाने से हिसार जम सा गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 07:52 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 09:14 AM (IST)
शीतलहर से कांपा हरियाणा, जम गया हिसार, तापमान माइनस 1 डिग्री पर पहुंचा
शीतलहर से कांपा हरियाणा, जम गया हिसार, तापमान माइनस 1 डिग्री पर पहुंचा

चंडीगढ़/हिसार, जेएनएन। हरियाणा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के कारण शीतलहर कहर बरपा रहा है। राज्‍य के विभिन्‍न हिस्‍सों में तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। हिसार में तो पारा जमाव बिंदू से नीचे चला गया है। तापमान शून्‍य से भी नीचे चला गया है और माइनस एक डिग्री पर पहुंच जाने से शहर और आसपास का क्षेत्र जम सा गया है। राज्य के कई अन्‍य स्‍थानों पर तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस है। यह तापमान शिमला से भी कम है। शिमला में न्यूनतम तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस है।

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हिसार में टूटा 44 साल का रिकार्ड, मौसम विज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दिनों में और गिरेगा तापमान

हिसार में ठंड ने 44 पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 44 साल बाद ऐसा हुआ कि दिसंबर महीने में पारा माइनस एक डिग्री तक गया है। इससे पहले दिसंबर महीने में सबसे कम तापमान वर्ष 1973 में दर्ज किया गया था। 29 दिसंबर 1973 को न्यूनतम तापमान माइनस 1.5 डिग्री सेल्सियस था।

पिछले 10 सालों की बात करें तो वर्ष 2013 में दिसंबर महीने में 28 तारीख को न्यूनतम पारा माइनस 0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। पारा जमाव बिंदू की आेर जाने के साथ-साथ पाला जमने के कारण फसलों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वहीं देर रात और सुबह कोहरा छाए रहने से वाहन चालकों को खूब परेशानी का सामना करना पड़ा।

हिसार शहर में बुधवार देर शाम ठंड के बीच नजारा।

दिन के समय कड़ी धूप निकलने से लोगों को राहत मिली और अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद शाम होने के साथ ही ठंडक ने फिर से अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार अगले तीन दिनों तक तापमान में गिरावट रहेगी और यह इससे भी नीचे जा सकता है। इसके साथ ही ठंड बढ़ने से फसलों पर पाला पड़ने का भी खतरा है।

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ऐसे बनता है पाला

सर्द मौसम में जब तापमान शून्य के करीब या इससे नीचे चला जाता है तब वायु में उपस्तिथ जलवाष्प बिना द्रव रूप में परिवर्तित हुए सूक्ष्म बर्फ के कणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे ही पाला पड़ना कहा जाता है। दोपहर बाद हवा के न चलने और रात में आसमान साफ रहने पर पाला पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है।
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फसलों पर यह रहेगा प्रभाव -
एचएयू के कृषि मौसम विभाग के विभागध्यक्ष डाॅ. मदन खिचड़ के अनुसार पाला जमने के कारण फसलों, सब्जियों व छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। फसलों व सब्जियों व छोटे फलदार पेड़-पौधों, फूलों, फलों में मौजूद द्रव बर्फ के रूप में जम जाता है और ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देते है। पाले के कारण पौधे की पतियां भी झुलस जाती है और फल गिर जाता है।
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ऐसे करें फसलों का बचाव -
डाॅ. खिचड़ के अनुसार पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलो व सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ेगा। इससे बचाव के लिए किसान फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों की सिंचाई करें, ताकि जमीन का तापमान बढ़ा रहे। किसानों को खेत के किनारे और 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर रात्रि के समय कूड़ा-कचरा, सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए। इससे वातावरण का तापमान बढ़ेगा और  पाले का हानिकारक प्रभाव नही पड़ेगा। किसान सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढकें। इन उपायों से फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
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ये हैं हिसार में दिसंबर के सबसे अधिक ठंडे दिन -

26 दिसंबर 2018 में (अब तक) -     - 1.0
31 दिसंबर 2017 -     3.4
23 दिसंबर 2016 -     4.4
16 दिसंबर 2015 -     2.3
21 व 27 दिसंबर 2014-  1.8
29 दिसंबर 2013 -     -0.8
23 दिसंबर 2012 -     1.8
25 दिसंबर 2011 -      0.0
22 दिसबर 2010 -      2.6
31 दिसंबर 2009 -      6.0
29,30 दिसंबर 2008 -   6.3
अब तक सबसे कम तापमान 29 दिसंबर 1973  को रहा। इस दिन यह माइनस -1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
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'' पूर्वाई हवाएं चलने के कारण तापमान बढ़ गया था। लेकिन मंगलवार रात से उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण तापमान में भारी गिरावट आई है। अगले तीन दिनों तक तापमान सामान्य से बेहद कम रहने की संभावना है। हरियाणा में 28 दिसंबर तक मौसम खुश्क रहेगा। लेकिन बीच-बीच में हल्के बादल छाने के साथ ही रात्रि तापमान में गिरावट की संभावना है। सुबह व देर रात्रि के समय कहीं हल्की व कहीं गहरा कोहरा छा सकता है।

                                                  - डाॅ. मदन खिचड़, विभागाध्यक्ष, कृषि मौसम विभाग, एचएयू हिसार।


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