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हिसार में लगेगा सीएनजी गैस प्लांट, इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने दी अनुमति

पवन सिरोवा हिसार स्वच्छ पर्यावरण के लिए (कंप्रेस्ड नैचुरल गैस) सीएनजी गैस को हिसार में बढ

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 05:30 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:21 AM (IST)
हिसार में लगेगा सीएनजी गैस प्लांट, इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने दी अनुमति
हिसार में लगेगा सीएनजी गैस प्लांट, इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने दी अनुमति

पवन सिरोवा, हिसार : स्वच्छ पर्यावरण के लिए (कंप्रेस्ड नैचुरल गैस) सीएनजी गैस को हिसार में बढ़ाया दिया जाएगा। इसके लिए गोअभयारण्य में सीएनजी प्लांट लगाया जाएगा। गोसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला ने कहा कि सीएनजी प्लांट को सिरे चढ़ाने के लिए इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आइओसी) से आयोग को हिसार में प्लांट के अलावा सीएनजी फिलिग स्टेशन लगाने की अनुमति भी मिल चुकी है। इसी कड़ी में हिसार में अब बायोगैस सीएनजी प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट को लगाने के लिए मेयर गौतम सरदाना और निगम कमिश्नर जेके अभीर से भी विचार-विमर्श किया गया है।

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हिसार में प्रदेश का सबसे बड़ा गोअभयारण्य निर्माणाधीन है। जो 50 एकड़ में दो पार्ट में बनाया जा रहा है। इसके पहले पार्ट में नंदीशाला बनाई गई है, जिसमें नंदियों के लिए प्रबंध किए हैं। वहीं दूसरे भाग में गायों के लिए प्रबंध किए गए हैं। वर्तमान में यहां मौजूद गोवंश के गोबर को गैस में परिवर्तित किया जा सके, इसके लिए पहले चरण में बायोगैस प्लांट लगाया जाएगा। दूसरे चरण में यहां पर सीएनजी गैस प्लांट लगेगा, जिससे सिलेंडर भरे जाएंगे।

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ऐसे तैयार होती है सीएनजी

गोबर को एकत्रित कर उसमें बैक्टीरिया डालकर उसे सड़ाया जाता है। जिससे मीथेन गैस निकलती है। जो ईंधन के रूप में प्रयोग होती है। गोबर से निकलने वाली ऊर्जा पर नियमानुसार दबाव डालकर उसे (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) सीएनजी गैस में परिवर्तित कर वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है। सीएनजी का उपयोग कम खतरनाक और कम खर्चीला होता है। यह पर्यावरण फ्रेंडली है। इससे प्रदूषण बहुत कम फैलता है। मीथेन गैस का खाना पकाने में ईंधन के रूप में प्रयोग होता है। इससे बिजली तैयार की जा सकती है। साथ ही प्लांट में गैस तैयार करने के बाद जो गोबर का वेस्ट बचता है, वह खाद के रूप में प्रयोग होता है। यानि प्लांट में सीएनजी गैस तैयार करने से लेकर खाद प्राप्ति तक दोहरे लाभ हैं।

- प्रो. डा. आरके पानू, पूर्व डीन (कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर) हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और प्रोफेसर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) फसल विज्ञान विभाग।

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प्लांट लगने से शहर में स्वच्छता अभियान को भी मिलेगा बल

बॉयो गैस और सीएनजी गैस प्लांट लगने से हिसार में चल रहे स्वच्छता अभियान को भी बल मिलेगा। शहर की गलियों व सड़कों पर फैले गोबर को इकट्ठा कर इस प्लांट में प्रयोग किया जा सकेगा। डेयरी संचालक अपनी डेयरी का गोबर प्लांट को बेचकर अतिरिक्त आय भी कर सकेंगे। गोबर के कारण नालियां व सीवरेज जाम की बनने वाली स्थिति से भी राहत मिल पाएगी।

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ये भी जानें

सीएनजी के उपयोग से लाभ : इंजन की क्षमता बढ़ाने के साथ इंजन साफ रखता है। पहली बार ज्यादा लागत फिर खर्च कम रहता है। इससे अधिक प्रदूषण नहीं फैलता।

सीएनजी उपयोग में दिक्कत : सीएनजी फिलिग स्टेशन कम हैं। सर्विस स्टेशन भी कम हैं। गाड़ियों में पेट्रोल सिस्टम को सीएनजी में बदलने का खर्च भी ज्यादा है। इसके सिलेंडर का वजन भी अधिक होता है।

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शहर में डेयरी की स्थिति

-शहर के 20 वार्डों में 5 या इससे अधिक पशु डेयरियां - करीब 354

-20 साल से कागजों में चल रहा है डेयरी शिफ्टिग का प्रोजेक्ट

-साल 2010 में हिसार में 5 से अधिक पशुओं की 292 डेयरियां

-मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोअभयारण्य व डेयरी शिफ्टिग की घोषणा 29 दिसंबर 2014 में की

-तीनों मुख्य पार्टियां कर चुकी हैं डेयरी शिफ्टिग प्रपोजल की घोषणा। 29 दिसंबर 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डेयरी शिफ्टिग की घोषणा की। साथ ही जमीन के लिए राशि जारी करवाते हुए जमीन चिह्नित करवाई, जिस पर आगामी काम हो रहा है। इससे पूर्व इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने डेयरी शिफ्टिग की साल 2000 में घोषणा की। कांग्रेस सरकार में साल 2004-05 में डेयरी शिफ्टिग प्रपोजल फिर शुरू हुआ। साल 2010 में सर्वे तक कागजों में सिमटा।

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वर्जन :

हिसार में सीएनजी गैस प्लांट लगाया जाएगा। पहले चरण में बायो गैस प्लांट लगेगा। उसके अगले चरण में सीएनजी गैस प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए मेयर गौतम सरदाना और कमिश्नर जेके अभीर से बातचीत की गई है। जल्द ही प्रोजेक्ट सिरे चढ़ाने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा। इंडियन ऑयल कारपोरेशन से हमें फिलिग स्टेशन लगाने की स्वीकृति मिली हुई है।

- भानीराम मंगला, चेयरमैन, हरियाणा गोसेवा आयोग।


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