हिसार में छाए बदरा, फतेहाबाद जिले में से एक दिन की राहत के बाद रविवार को फिर बरसे मेघा
मौसम विभाग के अनुसार फतेहाबाद और आसपास के जिलों में आगामी 3 अगस्त तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। अगर आने वाले दिनों में बरसात होती है तो अब नुकसान होगा। फसलें पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : हरियाणा के कई जिलों में ज्यादा बारिश होने से पानी भर गया है लोग अब कुछ दिनों तक बारशि नहीं चाहते में बारिश है कि रुकने का नाम नहीं ले रही। जहां धान की खेती हो रही है वहां पानी ज्यादा भर गया है। फतेहााबाद जिले में पिछले छह दिनों से मानसून सक्रिय है। तीन दिनों तक लगातार बरसात होने के बाद शनिवार को राहत मिली थी, लेकिन रविवार को जिले में फिर झमाझम बरसात हुई। जिससे अनेक जगह पानी भर गया।
पिछले दिनों आई बरसात के कारण जगह-जगह पानी भर गया था और अभी तक निकासी तक नहीं हुई थी, ऐसे में और बरसात होने से मुसीबत बन गई है। इसके अलावा जिले में अनेक जगह बरसात के पानी से नरमा की फसल भी खराब हो चुकी है। अब फिर बरसात होने से किसान परेशान है। रविवार को करीब एक घंटे तक बरसात हुई और उसके बाद रूक भी गई, जिससे कुछ राहत मिली है। लेकिन मौसम विभाग की माने तो आगामी 3 अगस्त तक ऐसा ही मौसम रहेगा। अगर आने वाले दिनों में बरसात होती है तो अब नुकसान होगा। हिसार में बादल छाए हुए हैं। आगे भी चार पांच दिन बारिश होने के आसार बने हुए हैं।
शहर में यहां भरा पानी
फतेहाबाद जिले में फतेहाबाद, टोहाना, भूना आदि गांवों में अच्छी बरसात हुई हुई। मौसम विभाग की माने तो पूरे जिले में 15 एमएम बरसात दर्ज की गई है। बरसात होने से फतेहाबाद के अरोड़वंश धर्मशाला रोड पर पानी भर गया है। तुलसी चौक से अभी तक पानी निकासी नहीं हुई थी। यहां पर पिछले तीन दिनों से दुकानें बंद पड़ी है और कारोबार भी ठप है। ऐसे में दुकानदार भी अब परेशान है। दुकानदारों ने एलान कर दिया है कि जल्द ही वो आगामी कार्रवाई करेंगे। शहर में जवाहर चाैक, बस स्टैंड, बीघड़ रोड आदि स्थानों पर पानी भर गया। जिससे वाहन चालकों को परेशानी हुई।
30 गांवों में हुई नरमा की फसल बर्बाद
फतेहाबाद जिले में भट्टूखंड व फतेहाबाद खंड में करीब 30 गांवों में नरमा की फसल खराब हो गई है। ऐसे में किसानों से कहा गया है कि वो सोमवार को कृषि विभाग में बीमा क्लेम के लिए पत्र दे सकते है। जिन किसानों ने बीमा करवाया था उसी को ही नुकसान की राशि मिलेगी। यहीं कारण है कि किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि स्पेशल गिरदावरी करवाई जाए ताकि नुकसान की बरपाई मिले।