कोविड के कारण बंद खाद प्लांट फिर से होंगे शुरु, हिसार नगर निगम कमिश्नर ने किया दौरा
नगर निगम प्रशासन ने छह कंपोस्टिंग प्लांट लगाए हुए है। काेविड-19 के कारण इन प्लांटों में व्यवस्थित तरीके से खाद नहीं बन पा रही थी। कुछ तो बंद ही पड़े थे। अब नगर निगम प्रशासन ने शहर में एक लाख पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया है।
जागरण संवाददाता, हिसार : निगम सीमा से निकलने वाले गीले कचरे का नगर निगम प्रशासन साइंटिफिक तरीक से निस्तारण करेगा। इस कचरे से शहर के पार्कों के लिए संजीवनी यानि खाद तैयार की जाएगी। इसके लिए नगरनिगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने कंपोस्टिंग प्लांटों का निरीक्षण कर स्टाफ ने उन्हें फिर से पूर्व की भांति ही शुरु करने का आदेश दिया है। ऐसे में शहर का अनुमानित करीब 30 से 40 टन कचरे से खाद तैयार की जाएगी।
बता दें कि नगर निगम प्रशासन ने छह कंपोस्टिंग प्लांट लगाए हुए है। काेविड-19 के कारण इन प्लांटों में व्यवस्थित तरीके से खाद नहीं बन पा रही थी। कुछ तो बंद ही पड़े थे। वहीं अब नगर निगम प्रशासन ने शहर में एक लाख पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। ऐसे में इन पौधों के लिए नगर निगम ने शहर से निकलने वाले गीले कचरे से ही खाद तैयार करने का फैसला लिया है। उसी कड़ी में सभी कंपोस्टिंग प्लांट को फिर से नियमित चलाने का आदेश दिया है।
कंपोस्टिंग प्लांट में बनने वाले कचरे की पूर्व में करवाई थी जांच, बेहतर मिली क्वालिटी
नगर निगम प्रशासन ने पूर्व में ट्रायल के तौर कंपोस्टिंग प्लांटों में कचरे से खाद तैयार की थी। इस खाद का हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की लैब में जांच करवाई। जांच में पाया गया कि कंपोस्टिंग प्लांट से जो खाद तैयार की है उसकी क्वालिटी बाजार में मिलने वाली खाद से काफी बेहतर थी। ऐसे में हरियाली बढ़ाने में यह खाद अहम रहेगी।
लोगों से अपील: अलग-अलग करें कूड़े का एकत्रीकरण
नगर निगम अधिकारियों ने शहर की जनता से अपील की कि नगर निगम के खाद प्लांटों के लिए गीला कचरा व सूखा कचरा अलग अलग कर डस्टबिन में डाले ताकि उस कचरे से खाद तैयार हो सकें। वहीं सूखा कचरा कूड़ा बीनने वालों के काम आ सकता है। ऐसे में कचरे का बेहतर तरीके से निस्तारण हो पाएगा।
-----जनता से अपील है कि गीले और सूखे कचरे को अलग अलग एकत्रित करके रखें। इससे कचरा मिक्स नहीं होगा और डंपिंग स्टेशन पर कचरे के पहाड़ नहीं बनेंगे क्योंकि सूखा कचरा रिसाइकिल हो जाता है। जबकि गीले कचरे से खाद तैयार की जा सकती है। इसके अलावा शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने में शहरवासी अपना योगदान दे।
- अशोक कुमार गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।